समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड
स्वर्ण जयंती वर्ष के तहत नैनीताल डीएसबी परिसर में कुमाऊं विश्वविद्यालय का 18वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया गया। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, कुलपति दीवान सिंह रावत, कुलसचिव दिनेश, पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे, विधायक सरिता आर्य ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सर्वप्रथम कुलपति रावत ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां बताई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में विभिन्न क्षेत्रों में समकालीन व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया है। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में वर्ष 2022 और 2023 सत्र के 46,000 से अधिक विद्यार्थियों को उपाधि, 379 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि और 151 मेधावियों को पदक और छह को डीलेट से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और पूर्व सचिव एवं विशेष कार्याधिकारी पर्यटन, विभाग उत्तराखंड भास्कर खुल्बे और पद्मश्री डॉ.गोवर्धन मेहता को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। वहीं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअली प्रतिभाग करते हुए छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि देश और समाज की उन्नति में योगदान देना आपकी नैतिक जिम्मेदारी है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल के माध्यम से दीक्षांत समारोह में उपाधिधारकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की प्रतिभा एवं क्षमता के आधार पर उनको विशिष्ट क्षेत्रों में तकनीकी तथा बौद्धिक रूप से सशक्त किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की। शिक्षा मंत्री रावत ने कहा कि विवि का फार्मेसी विभाग भारत में 68 स्थान पर है, जो कि गर्व की बात है। जो भी शोधार्थियों शोध और नवाचार करने चाहते हैं, उनके लिए विवि प्रस्ताव बना कर भेजे, जिससे शोधार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। पूरे भारत में उत्तराखंड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति सबसे पहले लागू की। जिसका लाभ हर वर्ग के विद्यार्थियों को मिलेगा। साथ नए सत्र में विवि से नया कलेंडर बनाये जाएंगे औऱ समर्थ पोर्टल के माध्यम से छात्र छात्राओं को प्रवेश लेने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा रहा है। राज्य के 25 साल पूरे होने पर 2025 में 100 प्रतिशत साक्षर , नशा मुक्ति राज्य, टीबी मुक्त बनाने के लिए युवाओं और विवि की महत्तवपूर्ण भूमिका रहेगी।