हल्द्वानी: डीएम ने अफसरों की बैठक लेकर अतिक्रमण के चिन्हीकरण, नोटिस और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के लिए समय सीमा तय की

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कैंप कार्यालय हल्द्वानी में रकसिया, कलसिया, देवखड़ी सहित अन्य नालों और साथ ही उनके आस पास हो रहे अतिक्रमण के संबंध में शनिवार को संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। हल्द्वानी नगर के विभिन्न नालों के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण होने के कारण हर वर्ष बरसात में किनारे पर बसे परिवारों को खतरा होता है, जिसके स्थाई समाधान के लिए नालों से अतिक्रमण को हटाकर वर्षा जल हेतु सुरक्षित निकास देना आवश्यक है। पिछले दिनों प्रारंभिक सर्वे के बाद नालों से अतिक्रमण हटाने हेतु राजस्व, वन, सिंचाई, नगर निगम के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी, जिसकी बैठक कर आज शनिवार को जिलाधिकारी ने अतिक्रमण के चिन्हीकरण, नोटिस और ध्वस्तीकरण की संपूर्ण कार्यवाही के लिए समय सीमा तय की और विभागों को मूल दस्तावेजों के साथ मौके पर सभी नालों का सत्यापन करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जिले में तेज बहाव वाले नालों और उनके सुरक्षात्मक कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने मानसून के दौरान सभी विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने की निर्देश दिए। उन्होंने ज्यादा बहाव वाली नदी, नालों का समय समय पर निरीक्षण और सर्वे करने के निर्देश सभी एसडीएम को दिए। कहा कि तेज बहाव वाले नदी, नालों में साइन बोर्ड लगाए गए हैं जिससे तेज बारिश बहाव के दौरान लोग नदी, नालों के आसपास या आवाजाही करने से बच सकें। कहा कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश से क्षतिग्रस्त नालों के चेनेलाइजेशन और प्रोटेक्शन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने देवखड़ी नाले पर स्थाई समाधान हेतु नाले के शुरुवात में भदयूनी से आरंभ कर पूरे कैचमेंट एरिया से सर्वे कराने की बात कही, जिससे छोटे छोटे चेक डैम बनाए जा सकें, जिससे नदी के बैंक और आबादी भी सुरक्षित रहे। डीएम ने कहा कि देवखड़ी नाले काफी पुराना हो गया तथा दीवारों भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं जिसके सुदृढ़ीकरण हेतु डीपीआर तैयार करने के निर्देश सिंचाई को दिए।बैठक के दौरान उन्होंने दमुवाढूंगा, रकसिया, कलसिया आदि के आस पास खाली सरकारी भूमि को चिह्नित कर ताड़बाड़ या तथा नोटिस बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। कहा कि इन दिनों अवैध रूप से स्टांप पर सरकारी भूमि खरीद फरोख्त के मामले देखने को मिल रहे हैं। जिन पर अलग अलग विभागों से कानूनी कार्रवाई की जा रही है। सरकारी भूमि में ताड़बाड़-सुरक्षा दीवार और साइन बोर्ड लगाने से लोग ठगों के झांसे में आने से बच सकेंगे। साथ ही लोगों को भूमि लेन देन के समय भूमि के दस्तावेज के सत्यापन करने और सावधान रहने की बात कही। बिना रजिस्ट्री कराए कम मूल्य के स्टांप पर भूमि न खरीदने के लिए जागरूकता हेतु नोटिस बोर्ड सभी तहसीलों में लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने संबंधित विभाग अधिकारियों को रकसिया-कलसिया नाले की पुरानी वास्तविक चौड़ाई को रिस्टोर करने हेतु वन, सिंचाई, राजस्व विभाग को सर्वे करने के निर्देश दिए। इसके लिए नक्शों के अनुरूप नालों की चौड़ाई को रिस्टोर किया जाना है। नालों में कब्जा और अतिक्रमण कर रहे लोगों को नोटिस और सरकारी भूमि को चिह्नित कर निशान लगाने की कार्यवाही करने को कहा। कहा कि सरकारी भूमि में अतिक्रमण कर रहे लोगों को 15 दिन के भीतर नोटिस की सुनवाई कर निस्तारित करने के निर्देश दिए। बैठक ने डीएफओ दिगांत नायक, एसडीएम परितोष वर्मा, एसडीओ शशि सिंह, ममता चंद आदि मौजूद थे।

 

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