समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
उत्तराखंड परिवहन निगम आए दिन घाटे से जूझ रहा है। वहीं कर्मचारियों को विगत दो माह से वेतन भुगतान भी नहीं हो पा रहा है और न ही सेवानिवृत कर्मचारी का भुगतान हो पा रहा है। कर्मचारियों के देयक लंबित हैं। दूसरी ओर निगम प्रबंधन ऐसी माली हालत में अधिकारियों के ऐशोआराम के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। पूर्व में रोडवेज एमडी ने उत्तराखंड परिवहन निगम को घाटे से उभरने के लिए अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाते हुए समस्त डिपो के सहायक महाप्रबंधकों को जो कार उपलब्ध कराई गई थी उसे भी बंद कराया दिया था। वर्तमान में निगम प्रबंधन कर्मचारियों को वेतन देने के बजाय तमाम डिपो के अधिकारियों को चेकिंग के नाम पर लगभग 35000 रुपए प्रति माह के हिसाब से प्राइवेट कर मुहैया करवा रहे हैं जिसका जीता जाता उदाहरण हल्द्वानी डिपो है। जहां पर निगम प्रबंधन के लिए प्राइवेट कार मुहैया करा दी है। रोडवेज कर्मचारी संगठन के नेताओं ने कहा कि यदि समय रहते इसका विरोध नहीं किया गया तो आने वाले एक दो माह में परिवहन निगम में लगभग 10 से 15 लाख का अतिरिक्त भार पड़ने वाला है। इसके लिए जल्द ही डिपो स्तर पर आंदोलन शुरू किया जा सकता है।



