समाचार शगुन उत्तराखंड
ऊधमसिंहनगर जिले के रूद्रपुर में मंदिर मनकामेश्वर कल्याण आश्रम में 25 अगस्त से चल रहे श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ का 31 अगस्त रविवार को श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ समापन हुआ। अंतिम दिन कथा में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। सप्ताह भर चले इस आयोजन में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ उमड़ती रही और समापन दिवस पर कथा पंडाल में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। समापन अवसर का मुख्य आकर्षण फूलों की होली रही, जिसने वातावरण को पूर्णतः भक्तिमय बना दिया। व्यास गद्दी पर विराजमान स्वामी नारायण चैतन्य ब्रह्मचारी ने अंतिम दिन सुदामा चरित्र, नव योगेश्वर संवाद, राजा परीक्षित के मोक्ष प्रसंग और भगवान श्रीकृष्ण विवाह कथा का मनोहारी वर्णन किया। उनकी भावपूर्ण वाणी और आध्यात्मिक व्याख्यान से श्रद्धालु गहराई तक प्रभावित हुए और कई बार भावविभोर होकर झूम उठे। कथा के बीच-बीच में प्रस्तुत किए गए भजनों ने वातावरण को और अधिक माधुर्य से भर दिया। समापन क्षणों में जैसे ही फूलों की होली का क्रम शुरू हुआ, पूरा पंडाल भक्तिरस से सराबोर हो गया। श्रद्धालु भजनों की ताल पर झूमते हुए पुष्पवर्षा में शामिल हुए और स्वामी नारायण चैतन्य के साथ फूलों की होली खेलते हुए उनके आशीर्वाद से धन्य हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने व्यास गद्दी पर पहुंचकर स्वामी नारायण चैतन्य ब्रह्मचारी से आशीर्वाद लिया और आयोजन समिति की सराहना की। इस अवसर पर मंदिर कमेटी की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया। अपने संबोधन में ठुकराल ने कहा कि भागवत कथा का श्रवण मात्र से जीवन में पुण्य और शांति की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे आध्यात्मिक आयोजन समाज को धर्म, संस्कृति और नैतिक मूल्यों के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने आहवान किया कि अधिक से अधिक लोग इस प्रकार के आयोजनों में सम्मिलित होकर धर्म और संस्कृति से जुड़े। कार्यक्रम में समाजसेवी संजय ठुकराल, आनंद शर्मा, गगन ग्रोवर, रुक्मणी गुप्ता, रामबाबू मिश्रा, विजय फुटेला, सुभाष बंडेलवाल, ओम प्रकाश अग्रवाल, अशोक अरोड़ा, सुरेश मदान, आशीष भटनागर, कुंदन लाल अग्रवाल, जीवन दास फुटेला, कमल फुटेला, विजय वाजपेई, सुरेंद्र सिंह सरजू, रामकुमार, मनीष ठक्कर, सुनील शर्मा, महेश कुमार, रोहित चौधरी, राजकुमार अरोरा, शकुंतला देवी, गंगा माता, बल्ला माता, रमेश अनेजा, राधा रानी समेत सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे और उन्होंने इस पावन कथा का श्रवण कर स्वयं को धन्य किया।