समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
चीड़ की छाल को तराशकर कलाकृति बनाने वाले हल्द्वानी के जीवन चन्द्र जोशी का नाम सभी की जुबान पर रहा। अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार 25 मई को जीवन जोशी के संघर्ष की सराहना करते हुए कहा कि पोलियो जीवन के हौसलों को छीन नहीं पाया। उन्होंने जीवन के संघर्ष व काम की सराहना की। इसके बाद कई लोग उनके चाचू बगेट आर्ट एवं वुड क्रॉफ्ट ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे और उन्हें शुभकामनाएं दीं। मूल रूप से गल्ली जाखनदेवी अल्मोड़ा निवासी स्व. मोहन चन्द्र जोशी के पुत्र 65 वर्षीय जीवन चन्द्र जोशी अभी धुनी नंबर 1 कठघरिया में अपनी दो बहनों निर्मला जोशी और ऊषा जोशी के साथ रहते हैं। बताते हैं कि उन्हें बचपन में ही पोलियो हो गया था जिसके चलते जीवन संघर्षों से भरा रहा। वह 30 साल से ज्यादा समय से चीड़ के पेड़ की छाल (बगेट) पर अपनी रचनात्मक सोच को उकेर रहे हैं। वह भारत का मानचित्र, तिरंगा झंडा, मूर्तियां, योग करते लोग, मंदिर, आजादी के 75वें अमृत महोत्सव का डिजाइन तैयार कर चुके हैं। जीवन जोशी लोगों को प्रशिक्षित भी करते हैं और उद्योग केन्द्र में वह मास्टर ट्रेनर के रूप में दर्ज हैं। उन्हें भारत सरकार के संस्कृत मंत्रालय समेत कई जगह सम्मानित किया गया है। सरकार से मदद मिले तो ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहते हैं। वह गुनियालेख स्थित स्कूल के शिक्षक गौरीशंकर कांडपाल को अपना मार्गदर्शक बताते हैं।