समाचार शगुन उत्तराखंड
राजकीय इंटर कालेज ढेला रामनगर में आज शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर वृक्षारोपण किया गया। इस दौरान ब्लाक प्रमुख रेखा रावत, सांसद प्रतिनिधि व पूर्व सैनिक इंदर रावत ने फलदार पौधों का रोपण किया। इस मौके पर बातचीत रखते हुए अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल ने कहा कि कारगिल विजय दिवस महत्वपूर्ण दिवस है। भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ। कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान में प्रति वर्ष मनाया जाता है। जीवविज्ञान प्रवक्ता सीपी खाती ने कहा कि प्रारम्भ में इसे घुसपैठ मान लिया था और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज के बाद इन घुसपैठियों के नियोजित रणनीति के बारे मे पता चला जिससे भारतीय सेना को एहसास हो गया कि हमले की योजना बहुत बड़े पैमाने पर की गयी है। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा। यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 527 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे। कारगिल सैनिक रहे सांसद प्रतिनिधि इंदर रावत ने इस मौके पर कारगिल युद्ध के तीन माह के अपने अनुभवों को बच्चों से साझा किया। इस मौके पर प्रभारी प्रधानाचार्य मनोज जोशी, कारगिल सैनिक प्रताप सिंह रावत, हरीश चंद्र आर्य, शैलेंद्र भट्ट, बालकृष्ण चंद, सुभाष गोला, प्रदीप शर्मा, संजीव कुमार, पद्मा, उषा पवार, जया बाफिला, श्रवण कुमार, पीयूष शर्मा आदि मौजूद थे।