समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
उत्तराखंड परिवहन निगम रोडवेज कर्मचारियों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले हल्द्वानी बस स्टेशन में विभिन्न मांगों को लेकर
विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने 10 वर्षों से कार्यरत संविदा विशेष श्रेणी कार्यशाला तकनीकी कर्मचारियों को तत्काल नियमित किये जाने, निजी बसों को राष्ट्रीयकृत राजमार्गों पर परमिट देने की अधिसूचना तत्काल रद्द करने, परिवहन निगम बस बेड़े में 500 नयी बसें तत्काल खरीदने, नैनीताल बस स्टेशन का स्वामित्व तत्काल परिवहन निगम को देने, उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में चल रहे डग्गामार वाहनों को तत्काल बंद किये जाने व दिल्ली कश्मीरी गेट व आनंद विहार बस स्टेशनों से अवैध बसों का उत्तराखंड में संचालन बंद करने जैसी मांगों के निराकरण की मांग उठाई। रोडवेज कर्मचारियों ने 22 अक्टूबर की मध्य रात्रि से 48 घंटे के कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। इसके पश्चात 5 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर चक्का जाम की चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार की उदासीनता से निजी सिंडिकेट उत्तराखंड परिवहन निगम को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उत्तराखंड परिवहन निगम (यूटीसी) कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने निगम प्रबंधन व सरकार पर घोर लापरवाही और उदासीनता का आरोप लगाया। संयुक्त मोर्चा के कुमाऊं क्षेत्र के संयोजक एलडी पालीवाल ने कहा कि यूटीसी के साथ ही नई दिल्ली में कश्मीरी गेट और आनंद विहार में निजी बसों को काउंटर आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये ऑपरेटर दिल्ली में एक यात्री से 2500 रुपये तक वसूल रहे हैं। कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपने ने बताया कि निगम के बेड़े में अब केवल 800 बसें हैं और इनमें से लगभग 500 बसें जल्द ही नीलाम हो जाएंगी। पिछले आठ सालों में सरकार ने केवल 130 छोटी बसें खरीदी हैं जो अभी तक डिपो को प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस साल दिसंबर में दिल्ली सरकार द्वारा यूरो IV बसों को दी गई छूट समाप्त होने के बाद निगम के पास दिल्ली में परिचालन के लिए अनुबंधित सीएनजी चालित केवल 170 बसें ही रह जाएंगी। उन्होंने मांग की कि सरकार को यूटीसी को बचाने के लिए तुरंत 500 नई बसें खरीदनी चाहिए। जोगिंदर सिंह ने यूटीसी प्रबंधन पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाते हुए कहा कि निगम मुख्यालय के लिए डेढ़ करोड़ रुपये का फर्नीचर खरीदा गया और मुख्यालय में नए निर्माण पर सात करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन निगम के पास सेवानिवृत्त कर्मचारियों की छह महीने की ग्रेच्युटी और कर्मचारियों के चार प्रतिशत महंगाई भत्ते (डीए) का भुगतान करने के लिए कोई बजट नहीं है। विरोध प्रदर्शन में काशीपुर, रामनगर, रुद्रपुर, हल्द्वानी ,काठगोदाम, भवाली, रानीखेत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, डिपो के कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान गोपेश्वर श्रीवास्तव, भगवानदास, पंकज भटनागर, अविरल गुप्ता, अमित कुमार, राजेश जौहरी, अनिल ठाकुर, अजय भटनागर, जय प्रकाश यादव, गोविंद जोशी, धर्मेंद्र बिष्ट, इकबाल अहमद , नितिन दिक्षित, विश्वास सिंह, अख्तर चौधरी, मोहम्मद इमरान, सुभाष चंद्र, सूरज बाबू, मनोज भट्ट, कातिल अख्तर, प्रदीप शर्मा, रघुवीर चौधरी, कैलाश कांडपाल, हेम बेलवाल, रूप किशोर सागर, दिनेश दुमका, अखिलेश जोशी, पंकज जोशी, सुरेश चंद्र, अरुणेंद्र सिंह, मुकेश बुधानी, विनोद जोशी, केपी सोनी, हेमेंद्र बिष्ट, चमन लाल, वीरेंद्र सिंह, राम प्रकाश यादव, हरीश पंत, प्रेम प्रकाश, शिवकुमार, नरेंद्र बिष्ट, अजय शर्मा, मंगत सिंह, पंकज कुमार, हरेंद्र सिंह, अब्दुल हई आदि मौजूद थे।