हल्द्वानी में किताब कौतिक: युवा पीढ़ी से बोले कुलपति-टेक्नोलॉजी के गुलाम न बनें, बल्कि उसे नियंत्रण में रख भविष्य को बेहतर बनाएं

समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड 

नैनीताल जिले के हल्द्वानी एचएन इंटर कालेज रामपुर रोड में दो दिनी किताब कौतिक का 17 मार्च रविवार को समापन हो गया। समापन के दिन कौतिक का उद्घाटन कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने किया। इस मौके पर प्रो.रावत ने कहा कि यह समय शिक्षा की बेहतरी का समय है। कुमाऊं विश्वविद्यालय में हमारा प्रयास है कि अब वर्तमान समय के अनुसार कुछ पाठ्यक्रम खोले जाय। इस ओर तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है और प्रदेश सरकार का सहयोग भी पूरी तरह से मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नयी टेक्नोलॉजी नई पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में भी ले रही है तो उससे उन्हें बेहतरीन लाभ भी मिल रहा है।‌ युवा पीढ़ी को बस इतना ध्यान देना है कि वे टेक्नोलॉजी के गुलाम न बनें, बल्कि उसे अपने नियंत्रण में रखें। ऐसा होने पर वे अपने भविष्य को और बेहतर बना सकते हैं। इससे पहले रविवार को सवेरे 6 बजे से नौचर वॉक का कार्यक्रम एफटीआई में हुआ। जिसमें लगभग सौ लोगों ने नैचर वॉक के तहत एफटीआई में मौजूद विभिन्न तरह के पेड़-पौधों, जड़ी -बूटियों और वहां विचरण कर रहे कई तरह के पक्षियों के बारे में जाना। जड़ी-बूटियों के बारे डॉ.बीएस कालाकोटी, पेड़-पौधों के बारे में वनाधिकारी मदन बिष्ट और पक्षियों के बारे में बर्ड वाचर राजेश भट्ट ने जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में सभी को कासनी के पौधें वन‌ क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट की ओर से भेंट किए गए। किताब कौतिक के साथ ही विभिन्न विषयों पर आयोजित परिचर्चा में पहले सत्र में उत्तराखंड में खेलों की सम्भावनाएं विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। जिसमें प्रसिद्ध खिलाड़ियों भास्कर भट्ट और हरीश चन्द्र ने अपने विचार रखे और संचालन दीप्ति भट्ट ने किया। भट्ट और पांडे ने कहा कि खेलों में अब कैरियर बनाया जा सकता है।‌ पहले वाली स्थितियां तेजी के साथ बदल रही हैं।‌ खेलों में अब पैसा और नाम दोनों मिल रहे हैं। इसके लिए माता-पिता को आगे आना होगा और बच्चों के अन्दर खेल की किसी भी तरह की प्रतिभा है तो उसे आगे बढ़ने का मौका देना होगा।‌ इसके अलावा उत्तराखंड का संगीत उद्योग : विस्तार और चुनौतियां विषय पर प्रसिद्ध कुमाऊंनी गायक प्रह्लाद मेहरा, चांदनी इंटरप्राइज के निदेशक नरेंद्र टोलिया ने अपने विचार रखे और संचालन युवा कलाकार नितेश बिष्ट ने किया। व्यंग्य विधा : साहित्य से ‘मीम’ तक विषय पर परिचर्चा में साहित्यकार डॉ.दिवा भट्ट, एंकर और व्यंग्यकार नीरज बधवार, लेखक और कवि विनोद पंत ने भागीदारी की। हमारा रंगमंच : इतिहास, वर्तमान और संभावनाएं विषय पर रंगकर्मी और फिल्म निर्माता मनोज चंदोला , संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित भूपेश जोशी, कुमार कैलाश, वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी, हमारी शिक्षा में क्या नया होना चाहिए? विषय पर रजनी कांता बिष्ट, अरुण कुकसाल, बीना फुलेरा, लेखकों से बातचीत में डॉ. हयात सिंह रावत, विष्णु शर्मा, मुकेश नोटियाल, नीरज नैथानी, तनूजा जोशी आदि ने अपने विचार रखे। किताब कौतिक के आखिरी दिन विभिन्न लेखकों, कवियों की लिखी एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का लोकार्पण भी वरिष्ठ कथाकारों, लेखकों और रंगकर्मियों द्वारा किया गया। किताब कौतिक के आखिरी दिन किताब प्रेमी बड़ी संख्या में अपने परिवार के साथ एचएन इंटर कॉलेज के मैदान पहुंचे और उन्होंने विभिन्न विषयों पर अपनी पसन्द की किताबों को खरीदा। इस दौरान किताब कौतिक आयोजन समिति के हेम पंत, दयाल पांडे, नरेन्द्र बंगारी, रिक्सी पाठक, जगमोहन रौतेला, मंजू पांडे उदिता, डॉ.सरस्वती कोहली, हरीश पंत, सतीश जोशी, उदय किरौला, हर्षिता रौतेला, जगदीश जोशी, दीया आर्या, पीसी तिवारी, सुनील रौतेला, मुकेश कोहली समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

 

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