समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
रामनगर वन विभाग द्वारा वन ग्राम पुछड़ी में गरीब बस्तियों को उजाड़ने का छात्र संगठन आइसा ने पुरजोर विरोध करते हुए ग्रामीणों से जनसम्पर्क किया। इस दौरान 20 अगस्त से शुरु हो रहे धरने में बड़ी संख्या में भागीदारी करने का आह्वान किया गया। आइसा रामनगर अध्यक्ष सुमित ने कहा कि वन विभाग द्वारा रामनगर के पूछड़ी वन गांव को खाली करने की घोषणा से हजारों की आबादी के सामने बेघर होने का संकट खड़ा हो गया है। इसके चलते यहां की जनता काफी परेशान और असहाय महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि, “रामनगर के वन गांवों पुछड़ी, और नई बस्ती को उजाड़ने की घोषणाएं उत्तराखण्ड में गरीबों को बेघर करने की नई दास्तान लिख रही हैं। उत्तराखंड राज्य की धामी सरकार दशकों से रह रहे गरीबों के घरों पर जिसमें अधिकांशतः गरीब, दलित, अल्पसंख्यक लोग हैं, बुलडोजर चलाना शर्मनाक है। इस मुद्दे पर कर 20 अगस्त से शुरु हो रहे चार दिवसीय धरने को सफल बनाओ का नारा देते हुए आइसा नेता शबनम ने मांग की कि, “रामनगर के वन गांवों पुछड़ी, और अन्य गांवों को उजाड़ने की कोशिश बंद की जाय। अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर गरीबो को उजाड़ना बंद किया जाए तथा दशकों से पूछड़ी में रह कर आजीविका में लगे लोगो को जहां है वहां मलिकाना दिया जाना चाहिए। इस दौरान आइसा नगर अध्यक्ष सुमित, शबनम् , प्रमोद कुमार,किशन, आसिफ, रुखसाना अंसारी, अनीता देवी, गुंजन देवी, सावित्री देवी, आशा देवी, गौरी, पूनम् देवी, आरती, रिंकी देवी, डोली देवी, किशनपाल, शकीना, फरजाना, आशा, चद्रपाल, मतलूब हुसैन, वीरपाल, प्रेमलता देवी, ममता, शांति देवी, गोपाल, आदि मौजूद थे।