समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्यकारणी की महत्वपूर्ण बैठक हल्द्वानी में हुई। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार उपनल कर्मचारियों का शोषण हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उपनल कर्मचारियों को जिस प्रकार अपनी नौकरी बचाने के लिये माननीय उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी और माननीय उच्च न्यायालय से नौकरी बहाल करने के बाद भी उपनल कर्मचारियों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में घसीटा जा रहा है इससे उपनल कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिवारों का भी शोषण हो रहा है जो कि अत्यंत चिंताजनक स्थिति है। एक अल्प वेतन भोगी कर्मचारी को जिस प्रकार परेशान किया जा रहा है उससे कहीं न कहीं उत्तराखंड के शहीदों का सपना साकार होते हुए नहीं दिख रहा है। सर्वविदित है कि प्रत्येक उपनल कर्मचारी उत्तराखंड का मूल निवासी है और उत्तराखंड का गठन का मूल उद्देश्य यही था कि उत्तराखंड के निवासियों को रोजगार मिल सके। सरकार का उपनल कर्मचारियों के प्रति व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन भट्ट ने कहा कि सरकार कब तक गुमराह करती रहेगी बार-बार सरकार द्वारा उपनल कर्मचारी को नजर अंदाज किया जाता है। 10 वर्ष की नियमावली बनने का स्वागत संगठन द्वारा परंतु उपनल कर्मचारी को इससे वंचित रखना अन्याय है सरकार की यह दोहरी नीति उपनल कर्मचारी बर्दाश्त नहीं करेंगे सरकार 2018 का हाई कोर्ट का आदेश शीघ्र से शीघ्र उपनल कर्मचारी पर लागू करें उपनल कर्मचारियों का सब्र का बांध अब टूट रहा है और उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ संयुक्त मोर्चे के निर्णय चरणबद्ध तरीके से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से महा-आंदोलन का पूर्ण रूप से समर्थन करता है। बैठक में प्रदेश महासचिव प्रमोद गुसाईं, संरक्षक गणेश गोस्वामी, राकेश जोशी, सलाहकार मनोज जोशी, नितिन कुमार, योगेश भाटिया, अनिल कोटियाल, दिनेश चौहान, तेजा सिंह बिष्ट, विनोद बिष्ट, श्याम मेवाड़ी आदि उपस्थित थे।