समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
रामनगर। 8 अप्रैल 1929 को आज ही के दिन भगतसिंह और उनके साथियों ने ब्रिटिश असेंबली में बम फेंका था। उस ऐतिहासिक दिन की याद में ज्योतिबाफुले सांयकालीन स्कूल पुछड़ी में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भगत सिंह और उनके साथियों को याद किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण से हुई।उसके बाद बच्चों द्वारा सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है और मेरा रंग दे बसंती चोला गीत से हुई। रचनात्मक शिक्षक मंडल के संयोजक नवेंदु मठपाल ने कहा कि जब भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने असेंबली में बम फेंके। उन्होंने इस बात का खास ख्याल रखा कि किसी को कोई नुकसान न हो. बम फेंकने के बाद दोनों ने वहां से फरार होने की बिलकुल कोशिश नहीं की बल्कि असेंबली में पर्चे फेंकते रहे और आजादी के नारे लगाते हुए अपनी गिरफ्तारी दी। उसके पश्चात विद्यालय शिक्षिका शबनम ने असेंबली बम कांड के दौरान फेंके गए लाल पर्चे का वाचन किया। शबनम ने कहा कि भगत सिंह का संगठन हिंदुस्तान प्रजातांत्रिक समाजवादी सेना था। जिसके तहत वह देश को आजाद करा एक समाजवादी देश बनाने का सपना देखते थे। विद्यालय के शिक्षक सुजल ने कहा कि आज भगत सिंह और उनके साथियों के विचारों को जन जन तक पहुंचाना होगा। बच्चों ने इस मौके पर भगतसिंह का चित्र भी बनाया। इस मौके पर रितेश कुमार, शिवानी राजपूत, राखी, कन्हैया कुमार, काजल, हसन, गोपाल सिंह, पुष्पा आदि मौजूद थे।