समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड
समुदाय विशेष का युवक खुद को हिंदू बताकर नेपाल से नाबालिग को भगाकर उत्तराखंड के भीमताल ले आया। इतना ही नहीं उसने घोड़ाखाल स्थित गोलज्यू देवता के मंदिर में किशोरी से विवाह भी कर लिया। इस वारदात ने सबको हैरान और सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह भी सच है कि इस बेटी की किस्मत ने उसका साथ दिया और वह बड़ी साजिश का शिकार होने से बच गई। मिशन मुक्ति फाउंडेशन दिल्ली के निदेशक वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 24 वर्षीय मोहम्मद इसराफुल अंसारी उर्फ दारा अंसारी नेपाल के परसाबीर गंज का रहने वाला है। उसने वहीं की 16 वर्षीय किशोरी से इंस्टाग्राम पर दोस्ती की। उसने लड़की को अपना नाम मुन्ना कुमार महतो बताया। वह किशोरी को प्रेमजाल में फंसाकर शादी के बहाने बीती 11 दिसंबर को नेपाल से भगाकर उत्तराखंड के भीमताल ले आया। महीने भर बाद एक भारतीय मोबाइल नंबर से लड़की की मां को वाट्सअप कॉल कर कहा गया कि लड़की को भूल जाओ। इसके बाद लड़की की मां ने एसएसबी की मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रीय मुख्यालय बेतिया बिहार को सूचना दी। इस पर एसएसबी ने जांच की तो मोहम्मद इसराफुल के उत्तराखंड के भीमताल में छिपे होने की जानकारी मिली। इस पर नेपाल के राजदूतावास की ओर से नैनीताल के एसएसपी को पत्र भेजा गया। एसएसबी की सूचना पर मिशन मुक्ति फाउंडेशन, नेपाली दूतावास व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और नैनीताल पुलिस ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। बीती छह मार्च को लड़की को भीमताल से रेस्क्यू कर लिया गया और इसराफुल को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म, अपहरण, पॉक्सो एक्ट व बाल विवाह प्रतिशोध अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज की गई है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में पीड़ित किशोरी ने बताया कि वह नेपाल के शिवपुर की रहने वाली है। एक दिन इसराफुल अपना फोन घर में भूल कर बाहर चला गया। तभी उसके एक रिश्तेदार ने फोन कर कहा कि मोहम्मद इसराफुल अंसारी से बात कराओ। इससे पहले उसे युवक का नाम मुन्ना महतो पता था। किशोरी ने बताया कि इसराफुल का प्लान उसे केरल भेजने का था लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। ऐसे में पुलिस अब इसराफुल अंसारी के केरल कनेक्शन की भी पड़ताल कर रही है।