समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
उत्तराखंड परिवहन निगम के काठगोदाम डिपो से 9 वाल्वो बस का संचालन दिल्ली मार्ग में प्रतिदिन किया जाता है। बीती 31 मई को कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने वाल्वो बस uko4 pa1522 में दिल्ली से अपने सचिव के साथ यात्रा की। बस परिचालक ने दोनों का पास नम्बर अपने मार्ग पत्र पर अंकित कर दिया। दरअसल ई टिकट मशीन में विधायक का कन्सेशन टिकट का ऑपशन नहीं है, उसमे सिर्फ पत्रकार और राज्य आन्दोलनकारी ही अंकित होते हैं। परिचालक ने अपने कार्य का निर्वाहन करते हुए वेबिल (मार्गपत्र) में विधायक के सहवर्त्तित सहित पूरा विवरण अंकित कर दिया। उसके उपरांत हल्द्वानी पहुंच कर कैश जमा करने के बाद विधायक की यात्रा का विवरण विधायक का रजिस्ट्रार न होने पर स्वतंत्रता सेनानी के रजिस्ट्रार में अंकित कर दिया। 4 जून को वरिष्ट केंद्र प्रभारी काठगोदाम द्वारा अपने कार्यालय से एक पत्र जारी कर परिचालक कमल बिष्ट से पूर्व विधायक की यात्रा के बिलों की राशि 1892 को शीघ्र जमा कर इस प्रकार की पुनरावृत्ति न होने का फरमान जारी कर दिया। इसके साथ ही एक अन्य परिचालक दीपक कश्यप से भी विधायक की यात्रा पर रिकवरी का आदेश जारी किया गया जबकि उस बस uk4pa 4404 में यात्रा वर्तमान लोहाघाट विधायक खुशाल सिंह अधिकारी द्वारा की गई और उसमें परिचालक दुर्गा प्रसाद थे लेकिन वसूली का आदेश दीपक कश्यप के नाम से जारी कर दिया गया। परिचालकों के खिलाफ ऐसे आदेश जारी होने पर कर्मचारियों में अधिकारियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है यात्रा विधायक द्वारा की गई, उनकी यात्रा का पैसा सरकार द्वारा दिया जाता है। परिचालक से वसूली किस आधार पर की जा रही है। इस प्रकरण की जांच मुख्यालय द्वारा की जाय और इस प्रकरण में जो भी अधिकारी गलत है उसके खिलाफ समुचित कार्यवाही की जाय। इस आदेश से परिचालक वर्ग काफी तनाव में है। कर्मचारी सगठन ने इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच की मांग की है।