हल्द्वानी में बलिदान दिवस पर याद किए गए जनसंघ के संस्थापक सदस्य डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 

भारतीय जनता पार्टी ने आज रविवार 23 जून को जनसंघ के संस्थापक सदस्य डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के स्मृति दिवस को प्रत्येक बूथ ,मंडल एवं जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर उनके बलिदान को याद किया। हल्द्वानी में बिठोरिया मंडल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत मौजूद रहे। बूथ अध्यक्ष विक्रम देऊपा की अध्यक्षता में बिठौरिया मंडल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति दिवस मनाया गया। इस दौरान एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए कहा कि “जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है वो सारा का सारा है ” ऐसी प्रेरणा देने वाले जनसंघ के संस्थापक सदस्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को देश समाज के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने की प्रेरणा लेने को कहा। महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने कहा कि एक देश एक निशान एक संविधान की मांग को लेकर उन्होंने तत्कालीन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। आज देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कश्मीर से धारा 370 हटाने के सपने को पूरा करने का काम किया है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पाक अधिकृत कश्मीर की जनता भी आज हिंदुस्तान में शामिल होने की मांग करने लगी है। स्मृति दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने कहा डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल के विभाजन के समय हिंदू बहुल क्षेत्रों को भारत में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हमारे देश के लिए डॉ मुखर्जी की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। उनके विचार आज भी भारतीय जनता पार्टी और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों में प्रतिबिंबित होते हैं। जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट ने गोष्ठी में शामिल कार्यकर्ताओ को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की स्मृति दिवस पर संबोधित करते हुए कहा मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। वहां का मुख्यमंत्री अर्थात प्रधानमंत्री कहलाता था। संसद में अपने भाषण में डॉ.मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूंगा। मुखर्जी के सपने को साकार करने का काम केंद्र एवं राज्य सरकार ईमानदारी से कर रही है। इस दौरान जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट, महामंत्री संगठन अजेय कुमार , विधायक बंशीधर भगत, जिला महामंत्री रंजन बर्गली, मंडल अध्यक्ष सुरेश गौड़, बूथ अध्यक्ष विक्रम देउपा, महामंत्री दीपक सनवाल, दीपक बिष्ट, कार्यक्रम संयोजक विनोद कुमार गौला, प्रदेश महामंत्री किसान मोर्चा महेंद्र नेगी, दिगंबर भोजक, नरेश खुल्वे, दयाल पांडे, कंचन उप्रेती आदि मौजूद थे।

 

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