समाचार शगुन डेस्क उत्तराखंड
पिछले साल मई में मध्य प्रदेश की एक महिला यात्री केदारनाथ दर्शनों को आई। बताया जा रहा है कि महिला के रहने की व्यवस्था के लिए महिला के किसी परिचित ने चौकी इंचार्ज केदारनाथ को मदद करने के लिए फोन किया। चौकी इंचार्ज ने केदारनाथ में ही तैनात दरोगा को महिला के रहने की उचित व्यवस्था की जिम्मेदारी दी। किंतु दरोगा ने महिला को पुलिस कैंप में ऐसी जगह ठहराया जहां वह महिला से छेड़खानी कर सके। दरोगा ने महिला के साथ छेड़खानी की। सूत्रों के मुताबिक महिला ने मामले की रुद्रप्रयाग पुलिस को शिकायत नहीं दी जबकि अपने घर लौटकर उत्तराखंड सीएम हेल्पलाइन और डीजीपी को शिकायत पहुंचाई। इधर, पुलिस के अनुसार महिला द्वारा जो नाम बताए गए वे कुछ अलग थे। जिससे जांच में लम्बा समय लगा। बाद में पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच की। पुलिस अधीक्षक के निर्देशों पर रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा 28 जून 2024 को महिला से छेड़खानी के मामले में कोतवाली सोनप्रयाग में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जबकि चौकी इंचार्ज मंजुल रावत और तत्कालीन दरोगा कुलदीप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। अपराधी बाहर का हो या घर का पुलिस इस तरह के मामलों में सख्त कार्यवाही करेगी। प्रथम दृष्टया महिला की शिकायत पर सोनप्रयाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया या गया है जबकि आरोपी चौकी इंचार्ज और दरोगा को सस्पेंड कर दिया। ।।