ढेला में कार्यशाला के चौथे दिन बच्चों ने किया जामुन का पेड़ कहानी का मंचन

समाचार शगुन उत्तराखंड 

रामनगर के राजकीय इंटर कालेज ढेला में चल रही स्कूली बच्चों की थियेटर,पेंटिंग की 5 दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागी बच्चों द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार कृष्ण चन्दर की कहानी जामुन का पेड़ और क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश की कविता सबसे खतरनाक होता है का नाट्य रूपांतरण पेश किया। दिल्ली से आए थियेटर एक्सपर्ट धनंजय कुमार,अंतरिक्ष, सौम्या,अर्शी के दिशा निर्देशन में बच्चों ने जामुन का पेड़ कहानी का मंचन किया।यह कहानी हमारी राजनीतिक और प्रशासनिक लाल फीता शाही व्यवस्था पर एक करारा व्यंग्य है। एक आदमी तूफ़ान में जामुन के पेड़ के नीचे दब जाता है। अब उसे बचाने के लिए पेड़ काटा जाए या न काटा जाए, इसी सवाल को सुलझाने के लिए प्रशासन और उसके कारिंदे इस की तरह की कार्यशैली अपनाते हैं कि आदेश आने तक व्यक्ति की मौत हो जाती है। क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश की कविताएं मुख्य तौर पर क्रांति, प्रेम और जीवन के गीत के रूप में समाज की चेतना को जगाने का प्रयास करती हैं, पाश की कविताएं बड़ी ही सरलता और बेबाकी से अपनी बात ज़माने के सामने रखती हैं।सबसे खतरनाक होता है कविता उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध कविता है।इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रो गिरीश चंद्र पंत ने कहा शिक्षक।मंडल द्वारा आयोजित कार्यशालाएं बड़े ही सहज तरीके से जिस प्रकार बच्चों को साहित्य,संस्कृति,इतिहास से रुबरु कराती हैं यह अदभुत है। आज के मोबाइल युग में बच्चों के साथ ऐसी कार्यशालाएं लगातार किए जाने की जरूरत है। नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के प्रतिभागी गौरव अटवाल, खुशी जोशी ने कार्यशाला के अपने अनुभवों को साझा किया। इससे पहले कोलकाता निवासी पेंटिंग एक्सपर्ट प्रोनोवेश और तुम्पा ने बच्चों को आकृतियां बना उनमें रंग भरना बताया। इस मौके पर नवेंदु मठपाल, डॉ कमलेश अटवाल, तरुण, प्रमोद कुमार, आशीष, सुमित कुमार, प्रधानाचार्य मनोज जोशी,  सीपी खाती, जीतपाल कठैत, फोरेस्टर नवीन पपने, पूजा तिवारी, रमेश अधिकारी मौजूद रहे।

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