समाचार शगुन उत्तराखंड
जिला बार एसोसिएशन अल्मोड़ा के उपाध्यक्ष एडवोकेट कवीन्द्र पन्त ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया व बार काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष व सचिव को ज्ञापन भेजकर अधिवक्तागण की सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा अधिवक्तागण का जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा कराए जाने, नव पंजीकृत कनिष्ठ अधिवक्ताओं व उम्रदराज वरिष्ठ एडवोकेट्स को प्रोत्साहन राशि/जीवन निर्वाह भत्ता (स्टाइफन्ड) दिए जाने के लिए पहल सुनिश्चित किए जाने का अनुरोध किया है अधिवक्ताओं के समक्ष वर्तमान में बहुत सी चुनौतियां हैं और उनमें भी नव पंजीकृत जूनियर अधिवक्ताओं के लिए शुरूआती वर्ष आर्थिक रूप से चुनौतिपूर्ण साबित हो रहे हैं जिससे नए अधिवक्ताओं के लिए जीविकोपार्जन के दृष्टिकोण से अधिवक्ता व्यवसाय में बने रहना बेहद कठिन हो रहा है। उनका कहना है कि आज कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के परिवारों से आने वाले उन नव पंजीकृत कनिष्ठ अधिवक्ताओं की मनोदशा को समझना बेहद जरूरी है जो कि वकालत का एक कैरियर के तौर पर चुनाव कर अनेकों सपने लिए इस व्यवसाय में आते हैं और शुरूआती वर्षों में आमदनी की कमी उन्हें निराश करती है।
एडवोकेट पंत का कहना है कि अब परिस्थितियां पहले से बिल्कुल भिन्न हैं और कार्यस्थल तक आने जाने के लिए भी संसाधनों की महती आवश्यकता होती है ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि शुरूआती पांच साल तक जूनियर अधिवक्ताओं के लिए एक समुचित प्रोत्साहन राशि (स्टाइफन्ड) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए व 60 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे वरिष्ठ अधिवक्तागण जिन्होंने अपना पूरा जीवन वकालत के व्यवसाय के लिए समर्पित कर दिया अधिवक्ता व्यवसाय में जीवन पर्यन्त महत्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित किया है लेकिन अब बढ़ती उम्र की परेशानियों से कोर्ट आने में असमर्थ हो रहे हैं उन्हें भी इसी तरह का जीवन निर्वाह भत्ता मिले जिससे वे अपना शेष जीवन बिना किसी आर्थिक परेशानी के बिना किसी पर निर्भरता के सम्मान के साथ व्यतीत कर सकें।