एस्ट्रोपोर्ट के सहयोग से ढेला के बच्चों ने जाना सूरज के रहस्यों को

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 

खगोल विज्ञान पर काम करने वाली संस्था एस्ट्रोपोट के सहयोग से राजकीय इंटर कालेज ढेला के बच्चों ने सूरज के अनेकानेक रहस्यों के बारे में जाना। एस्ट्रोपोर्ट संस्था के स्टारगेजिंग विशेषज्ञ अभिषेक कुमार और रिदम राज द्वारा इस अवसर पर एक सौर अवलोकन सत्र आयोजित किया, जिसमें छात्र छात्राओं ने सुरक्षित सौर अवलोकन का आनंद लिया और सनस्पॉट्स (सूर्य के धब्बों) को देखा। सूर्य के रहस्यों के बाबत जानकारी देते हुए अभिषेक कुमार ने बताया सूर्य एक तारा है यह जलता हुआ विशाल पिंड है। यानी यह एक विशालकाय तारा है। फिर भी यह ब्रह्मांड की अपेक्षा एक छोटा तारा है। मंदाकिनी आकाशगंगा (The Milky way) में लगभग 1 खरब तारे हैं।सूर्य के चारों ओर आठों ग्रह और अनेक उल्काएँ चक्कर लगाती रहती हैं। आठों ग्रहों में बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेप्चून, प्लूटो और यूरेनस है। इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति के बल पर ही समस्त ग्रह इसकी तरफ खिंचे रहते हैं अन्यथा सभी अंधकार में न जाने कहां लीन हो जाएं। इसका तापमान बाहरी स्तर पर 6000 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर डेढ़ करोड़ डिग्री तक रहता है। हजारों ज्वालामुखी इस पर फूटते रहते हैं,जिनके कारण सौर तूफान पैदा होते रहते हैं। इसकी संरचना अधिकतर हाइड्रोजन एवं हीलियम नामक तत्वों से हुई है। इसमें 73% हायड्रोजन और 25% हिलियम है। सूर्य के अंदर अन्य भारी तत्व जैसे ऑक्सीजन, कार्बन, निआन और लोहा अत्यल्प मात्रा में मौजूद है। सूर्य का आकार या व्यास 1372400 है या 1.3927 मिलियन। इस पर पृथ्वी जितने अनुमानित 13 लाख गोले रखे जा सकते हैं। रिदम राज ने जानकारी दी कि ढेला देश का ऐसा तीसरा स्थान है जहां से तारों को सबसे बेहतर तरीके से देखा जा सकता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को विज्ञान और खगोल विज्ञान के प्रति जागरूक किया गया और उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान में संभावनाओं से परिचित कराया गया। एस्ट्रोपोर्ट, 2014 में सरिस्का, राजस्थान में एक विज्ञान और शिक्षा के केंद्र के रूप में स्थापित हुआ, आज भारत में एस्ट्रोटूरिज्म की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक बन चुका है। इसकी नींव खगोलशास्त्री डॉ. सचिन भाम्बा द्वारा रची गई।, जिन्हें भारत में एस्ट्रोटूरिज्म का पथप्रदर्शक माना जाता है। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रीराम यादव, सीपी खाती, नवेंदु मठपाल,शैलेंद्र भट्ट,महेंद्र आर्य,बालकृष्ण चंद,उषा पवार, जया बाफिला, सविता रावत मौजूद रहे।

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