समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड
देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने देहरादून में शहरीय विकास निदेशक के साथ हुई वार्ता में लंबित मांगें पुरजोर तरीके से उठाईं। उन्होंने बताया कि संघ के तत्वावधान में जुलाई 2021 को प्रदेश भर में सफाई कार्य में व्याप्त ठेका प्रथा को समाप्त किये जाने जैसी मांगों को लेकर कामबंद हड़ताल का ऐलान किया था लेकिन अभी तक मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इधर एक बार फिर निदेशक शहरी विकास निदेशालय देहरादून में संघ की मांगों को लेकर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान वाहन भत्ता, पर्यावरण पर्यवेक्षक की शत-प्रतिशत पदोन्नति किये जाने पर सहमति बनी। शहरी विकास निदेशक ने शेष मांगों पर 12 जनवरी को वार्ता का भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनके स्तर की मांगों का यथाशीघ्र समाधान किया जाएगा, बाकी पर प्रस्ताव शासन को भेजे जाएंगे। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राहत मसीह व महासचिव राजपाल पवार ने स्पष्ट किया कि अब संघ गुमराह नहीं होगा, यदि मांगों का निराकरण शीघ्र न किया गया तो संघ से जुड़े कर्मचारी पुनः आंदोलन को बाध्य होंगे। उन्होंने जनवरी माह से पुनः आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि संघ सफाई कार्य से ठेका प्रथा समाप्त किए जाने, संविदा व मोहल्ला समिति व आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किये जाने, पुरानी पेंशन बहाल किये जाने, मृतक आश्रितों की नियुक्ति में शिथिलता बरतने, सफाई नायक व कनिष्ठ लिपिक की पदोन्नति किये जाने, सरकारी आवास का मालिकाना हक दिये जाने जैसी मांगों को लेकर आंदोलित हैं। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि शहरी निदेशक की ओर से मांगों पर वार्ता के लिए बुलाया गया था। वार्ता में संघ के प्रदेश संगठन मंत्री अमित कुमार, मुकेश राजौरिया, चौधरी अमरदीप, कल्लू चरन, जितेन्द्र देवांतक, दिनेश कटियार आदि भी मौजूद थे।