समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
ऊधमसिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या करवाने में शामिल गुरुद्वारे का सेवादार अमनदीप सिंह उर्फ काला समेत चार लोगों के पकड़े जाने के बाद हत्याकांड से जुड़े राज खुल रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने बताया कि सेवादार अमनदीप को मुख्य आरोपी सर्वजीत सिंह व अमरजीत ने मोटी रकम देकर अपने साथ शामिल कर लिया। सेवादार को ही बाबा तरसेम सिंह की जानकारी देने के लिए लगाया था। बीती 28 मार्च को हत्याकांड से पहले अमनदीप ने ही बाबा तरसेम सिंह की जानकारी दी थी। सूत्रों के अनुसार बाबा तरसेम सिंह की हत्या वर्चस्व की लड़ाई को लेकर की गई थी। कुछ लोग गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब सहित डेरा कार सेवा और तराई क्षेत्र के अन्य डेरों का प्रबंधन अपने हाथ में लेना चाहते थे। इसी के लिए बाबा तरसेम की हत्या की साजिश रची गई। चक्रव्यूह रचने के लिए दिलबाग सिंह, बलकार सिंह, सतनाम सिंह, प्रगट सिंह व हरविंदर सिंह फरवरी महीने से हत्यारोपी सर्वजीत व अमरजीत के संपर्क में थे। हत्यारोपियों ने शाहजहांपुर के तिलहर से मोबाइल फोन व सिम कार्ड खरीदें, इन्हीं के जरिए मुख्य हत्यारोपी सर्वजीत व अमरजीत हत्या के साजिशकर्ताओं से बात करते थे। यह भी पता चला कि बाबा तरसेम सिंह गुरूद्वारा साहिब की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने से रोकते थे। इस हत्याकांड में रिटायर्ड आईएएस व गुरूद्वारा प्रबंध समिति के अध्यक्ष समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब पुलिस ने साजिशकर्ता सेवादार समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि शूटर सर्वजीत व अमरजीत फरार हैं। हत्याकांड के लिए शूटर सर्वजीत व अमरजीत को 10 लाख रुपए में हायर किया गया था।