समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड
कुमाऊं के सीमांत पिथौरागढ़ जिले से अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जिस व्यक्ति को कोर्ट ने मृत घोषित कर दिया था उसे पुलिस ने दो साल बाद ढूंढ निकाला है। अपराधी को मृत घोषित कर उसका मृत्यू प्रमाण पत्र बनाकर परिजनों को भी सौंप दिया गया था। आरोपी 15 साल से फरार चल रहा था।
बीती 14 अप्रैल 2008 को पिथौरागढ़ के गांधी चौक निवासी एक व्यक्ति ने कोतवाली में तहरीर दी थी जिसमें उसने जिले के ही पुनेड़ी महर निवासी दिनेश चंद्र पुनेठा पर 2 लाख 75 हजार रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इधर मुकदमा दर्ज हुआ, उधर आरोपी फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए पिथौरागढ़ पुलिस ने ईनाम भी घोषित किया था। वहीं न्यायालय ने 21 मार्च 2009 को आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लग पाया। इसी बीच आरोपी को 10 मार्च 2022 को कागजातों के आधार पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर परिजनों को दे दिया गया। जिले में इन दिनों फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के आदेश पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने दिए हुए हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस को यह सफलता मिली है । दो साल पूर्व मृत घोषित किया अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने आरोपी दिनेश चंद्र पुनेठा को चिमसियानौला से गिरफ्तार कर लिया।