समाचार शगुन उत्तराखंड
ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में भगत सिंह चौक के पास परगाई होम्योपैथिक केयर क्लिनिक का पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल और व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने फीता काटकर शुभारंभ किया। इस मौके पूर्व विधायक ठुकराल का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया। इस दौरान डॉ.परगाई ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली में न सिर्फ रोग का इलाज किया जाता है, बल्कि उसके कारण को जड़ से खत्म करके व्यक्ति को फिर से स्वस्थ भी किया जाता है। यदि सरल भाषा में कहें तो होम्योपैथी में न सिर्फ रोग का इलाज किया जाता है, बल्कि उसका कारण बनने वाली समस्याओं को ठीक करके जड़ से समस्या का समाधान किया जाता है। यही कारण है कि आज होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल भारत, इंगलैंड और कई यूरोपीय देशों में व्यापक रूप से किया जाता है। होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली से प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभों में निम्न शामिल हैं –
कम विपरीत प्रभाव – होम्योपैथी के अनुसार इसमें दवाओं को एक विशेष मानक रखकर और पूरी तरह से स्वच्छता के नियमों का पालन करके बनाया जाता है। एक सही मात्रा होने के कारण यह शरीर के किसी अंदरुनी अंग को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं और स्वच्छता के कारण इनके विषाक्त प्रभाव भी बेहद कम पाए गए हैं। इतना ही नहीं होम्योपैथी दवाएं बनाते समय किसी रंग, फ्लेवर या किसी अतिरिक्त सामग्री को शामिल नहीं किया जाता है, जिस वजह से इनके सुरक्षित होने की संभावना बढ़ जाती है। हर उम्र के लिए सुरक्षित – होम्योपैथिक चिकित्सा के सिद्धांतों के अनुसार ये दवाएं बच्चों से बुजुर्गों तक सभी के लिए सुरक्षित रहती हैं और यहां तक कि गर्भवती महिलाएं भी इन दवाओं को ले सकती हैं। हालांक आपको कोई भी होम्योपैथिक दवा लेने से पहले चिकित्सक से बात करने की सलाह दी जाती है।
जड़ से इलाज – होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार इसमें व्यक्ति के रोग का इलाज नहीं बल्कि रोगग्रस्त व्यक्ति का ही इलाज किया जाता है। जिसका सरल मतलब यह है कि इसमें रोगग्रस्त व्यक्ति के ठीक होने की क्षमता को बढ़ाया जाता है, जिससे किसी भी रोग के जड़ से खत्म होने की संभावना बढ़ जाती है। यह भी माना जाता है कि होम्योपैथी दवाओं की मदद से ऐसे कई रोगों का जड़ से इलाज किया जा सकता है, जो मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम में संभव नहीं है। शुभारंभ के मौके पर समाजसेवी संजय ठुकराल, राजेश बंसल, व्यापार मंडल महामंत्री मनोज छाबड़ा, संजीव शर्मा, हिमांशु शुक्ला, राजेश गर्ग, डॉ.संदीप डोगरा, ललित बिष्ट, राजीव कक्कड़, राधे ठुकराल, विपिन राजपूत, विशाल मेहरा, विशाल हुडिया, अमरजीत खरबंदा, विक्की अरोड़ा, सूरज छाबड़ा, विकास मुंजाल, सूरज झाम, मोहन सिंह परगाई, कमला परगाई, सौरभ परगाई, डॉ.निकिता परगाई, गुरलीन कौर, नरेंद्र धामी, सतीश अरोड़ा, जगरूप सिंह, मुकेश ग्रोवर, अमित चौहान, राजेश गर्ग आदि मौजूद थे।