शरीर के अंगों में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, माइग्रेन से जीवनभर का छुटकारा कैसे मिलेगा, जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड 
शरीर के अंगों में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, माइग्रेन और पैरालिसिस आदि गंभीर बीमारियों से जीवनभर का छुटकारा सिर्फ फिजियोथेरैपी के इलाज से ही संभव है। यह जानकारी फिजियोथेरेपिस्ट डा.मनीषा गुप्ता ने दी है।केसरवानी महिला समिति की ओर से हल्द्वानी रामपुर रोड स्थित खंडेलवाल भवन में स्वास्थ्य को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डा.मनीषा ने बताया कि आज के दैनिक जीवन में प्रत्येक व्यक्ति अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने वाले दर्द से जूझ रहा है। सही इलाज की जानकारी नहीं होने के कारण मरीज को अनावश्यक दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है जो गलत है जबकि इस प्रकार के मरीज को फिजियोथेरिपी के जरिए अपने रोगों से छुटकारा मिल सकता है। आजकल जिस प्रकार से इंसान की लाइफ स्टाइल में बदलाव आ रहा है, उससे अक्सर लोग बैक पेन, सर्वाइकल, माइग्रेन और पैरालिसिस जैसी कई अन्य बड़ी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे है, इन सभी बीमारियों से मुक्त होने के लिए सिर्फ फिजियोथेरेपी के इलाज से ही संभव है और मरीज को अनावश्यक खाई जाने वाली दवाओं से छुटकारा मिलता है। उन्होंने कहा कि आज भी फिजियोथेरिपी के बारे में लगभग लोगों में गलत अवधारणा बनी हुई है कि लोग फिजियोथेरिपी को सिर्फ व्यायाम समझते हैं और फिजियोथेरिपी द्वारा गंभीर मरीज के उपचार में होने वाले लाभ से अनजान बने रहते हैं जो चिंता का विषय है। डा.गुप्ता ने बताया कि आज विश्वभर के लोगों में गर्दन दर्द व जकड़न होना, मांसपेशियों में खिंचाव आना, कमर से पंजे तक दर्द होना और नस दबना, हाथो में झनझनाहट होना, सिर में दर्द और चक्कर आना, कमर में दर्द, हाथ पेरों तथा नसों में दर्द और सुन्नपन होना आदि बीमारी आमसी हो गई है इन सभी बीमारियों का विदेशों में इलाज सिर्फ फिजियोथेरिपी से ही करवाया जाता है। आजकल अकस्मात होने वाली गंभीर बीमारियां जैसे माइग्रेन, स्लिप डिस्क, पैरालिसिस, स्पोर्ट्स इंजरी, गठियाबात और घुटने में दर्द इत्यादि का संपूर्ण इलाज सिर्फ फिजियोथेरिपी द्वारा ही संभव है। आजकल महिलाओं में डिलीवरी के बाद कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जैसे मांसपेशियों में ढीलापन, पेट बाहर आना आदि कई लक्षण होते हैं जिसके कारण महिलाए काफी परेशान रहती हे अब उन महिलाओं को चिंतित रहने की जरूरत नहीं है फिजियोथेरिपी द्वारा अब इलाज संभव है। हाथ पेरों में फ्रेक्चर और सर्जरी के बाद भी हड्डियों का न जुड़ना और पूरी तरह से यदि उस भाग में मूमेंट नहीं है तो इस प्रकार के मरीजों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है फिजियोथेरिपी द्वारा इलाज संभव है। आजकल लैपटॉप और कंप्यूटर से जुड़े फील्ड में अक्सर रीढ़ की हड्डी, गर्दन में दर्द व कमर दर्द की परेशानियां बढ़ रही हैं  बच्चों में तो खासतौर पर जन्म व कई अन्य कारणों से हाथ पेरों में टेड़ापन की समस्या बढ़ रही है। जिसका समय रहते इलाज नहीं करवाने से मरीज जीवन पर्यन्त बीमारी से परेशान रहता है। फिजियोथेरिपी द्वारा किए जाने वाले इलाज से ये सभी बीमारियां दूर की जा सकती है। इस मौके पर संस्था की अध्यक्ष गीतू केसरवानी, सचिव बबिता केसरवानी आदि भी मौजूद थे।

 

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