हल्द्वानी में भारत-पाक युद्ध के योद्धा की अंतिम यात्रा ने सिस्टम को दिखाया आइना, देखें वीडियो

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 
भारत-पाकिस्तान युद्ध के वीर योद्धा की अंतिम यात्रा के लिए ग्रामीणों को केबल ट्राली का सहारा लेना पड़ा। ग्रामीणों की यह पीड़ा सरकार और सिस्टम को आइना दिखाने के लिए काफी है। हल्द्वानी से महज आठ किलोमीटर दूर रानीबाग के दानीजाला गांव को जोड़ने वाली गौला नदी पर अभी तक पुल नहीं बन पाया।
आज शुक्रवार 13 सितंबर को ग्रामीणों को मूसलाधार बारिश में अंतिम संस्कार के लिए वीर योद्धा का शव केबल ट्रॉली से लेकर जाना पड़ा। गांव वालों ने नाराजगी जताते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि दशकों से सरकार गांव की उपेक्षा कर रही है। जानकारी के अनुसार वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शामिल वीर योद्धा गोपाल जंग बस्नेत का बीते गुरुवार को निधन हो गया था। गोपाल जंग रानीबाग के दानीजाला में रहते थे। बीमारी के बाद 78 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके दो बेटे सेना में सेवारत हैं। गांव वालों ने बताया कि यहां करीब 20 परिवार रहते हैं लेकिन आज तक नदी पर झूलापुल बनाने की मांग दशकों से अधूरी है। हल्द्वानी शहर से कुछ ही दूरी पर बसे इस गांव के अधिकतर लोग भारतीय सेवा से जुड़े हुए हैं। ब्रिटिश आर्मी से लेकर अब तक भारतीय सेना में देश की सेवा कर रहे हैं । वर्तमान में भी लगभग एक दर्जन से अधिक युवा सेना में सेवाएं दे रहे हैं, इसके बावजूद वे बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।

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