समाचार शगुन डेस्क, हल्द्वानी:-
हल्द्वानी में गौला खनन के निजीकरण के विरोध में ऐतिहासिक प्रदर्शन हुआ। इसके तहत खनन के 11 गेटों मे 11 पुतले जलाए गए। शनिवार को शीशमहल, राजपुरा, इंदिरानगर, गोरापडाव सभी गेटों में खनन कारोबारी बड़ी संख्या में एकत्र हुए और प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान गौला खनन संघर्ष समिति के अध्यक्ष पम्मी सैफी ने कहा कि गौला से लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा है। निजीकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब लड़ाई शुरू हो गई है प्रदेश सरकार को निजीकरण वापस लेना होगा, सड़क से संसद तक यह लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक के इतिहास में 11 गेटों में पहली बार एकसाथ पुतला दहन किया गया है। इंदिरानगर गेट में पुतला फूंकने वालों में समिति अध्यक्ष पम्मी, अरशद अय्यूब, देवेंद्र गौड़, सुरजीत सिंह, नफीस चौधरी, एम नबी, पंकज पांडे, पंडित मिस्त्री, सतनाम सिंह, उमर, अमीर , इस्लामुद्दीन, भूरा , हरीश , आरिश, मिंकू सरदार समेत तमाम कारोबारी शामिल थे। इधर शीशमहल खनन गेट में गौला खनन मजदूर उत्थान समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट व धर्मेंद्र सिंह मेहरा गेट प्रभारी के नेतृत्व में आज शीश महल गेट में प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया और कहा कि अगर सरकार फिटनेस का प्राइवेटीकरण बंद कर पूर्व की भांति हर गेट में गौला से जुड़े डंपरों की फिटनेस करें तथा गौला को अगर निजी हाथों में दिया जाएगा तो उसका भी विरोध किया जाएगा और गौला से जुड़े डंपरों को जीपीएस से दूर रखा जाए। चेतावनी दी की कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तो इसका परिणाम लोक चुनाव में देखने को मिलेगा और किसी भी सूरत में खनन नहीं होने दिया जाएगा। पुतला दहन करने वालों में धर्मेंद्र मेहरा, राजकुमार यादव, हरीश सतवाल, नरेंद्र बगड़वाल, चंद्रभूषण बगड़वाल दीपू बिष्ट सुभाष अधिकारी हरीश भंडारी विवेक बृजवासी संतोष कुमार योगेंद्र राजेश बिष्ट आदि शामिल थे।