समाचार शगुन उत्तराखंड
रुद्रपुर के मंदिर मनकामेश्वर कल्याण आश्रम में भागवत कथा के छठे दिवस स्वामी नारायण चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज ने सुदामा चरित्र, नव योगेश्वर, एवम परीक्षित मोक्ष की कथाओं की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि मानव शरीर पाकर जो मनुष्य प्रभु भक्ति नहीं करता वह निंदा के योग्य है। उन्होंने कहा कि धर्म से विहीन व्यक्ति पशुतुल्य है ऐसे मनुष्य को वेद भी पवित्र नहीं कर सकते। व्यक्ति को सभी सांसारिक जिम्मेदारियां का पालन करते हुए अपनी आत्मा के उद्धार का प्रयास करना है।
उन्होंने कहा प्रारब्ध में जो कुछ लिखा है वह होना तय है व्यक्ति अपने जीवन में जो कुछ पाता है वह उसके कर्मों के अनुसार ही उसे मिलता है। उन्होंने कहा कि भगवान तो भाव के भूखे हैं उन्हें आपके सोने चांदी से क्या लेना देना, श्रद्धा भाव से अर्पित किया गया एक पत्र, फल या फूल से भी भगवान प्रसन्न हो जाते हैं और यदि भाव नहीं है श्रद्धा नहीं है तो 56 भोग भी व्यर्थ हैं। उन्होंने कहा गीता में भगवान ने कहा है कि कई जन्मों की पुकार के कारण मनुष्य जन्म प्राप्त हुआ है हमें श्वांस श्वांस प्रभु सिमरन करना होगा l इस दौरान भक्तजन ” कई जन्मों से पुकार रहे हैं कोई तो नाता जरूर होगा” भजन पर नाचते झूमते नजर आए स्वामी ने कहा एक जन्म की भक्ति काम ना आए तो प्रभु पुनः मनुष्य जन्म देते हैं इसलिए प्रभु भक्ति में लगे रहो वह अवश्य मिलेंगे। उन्होंने कहा भगवान के नाम का जप उतनी बार करो जितने हमारे शरीर में रोम छिद्र है l कथा में पहुंचे भक्तजनों ने स्वामी नारायण चैतन्य जी को उनके जन्मदिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। इस दौरान पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल एवं समाजसेवी संजय ठुकराल सहित मन्दिर कमेटी के पदाधिकारियों सहित भक्तजनों ने पुष्पवर्षा कर स्वामी जी के दीर्घायु होने की कामना की। कथा यजमान विनीता सपरा एवं जगमोहन सपरा ने पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना की। आरती यजमान के रूप में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, संजय ठुकराल, रमेश मिड्ढा, रामबाबू मिश्रा, विजय फुटेला, कमल फुटेला, सुभाष खंडेलवाल, विजय फुटेला, आनंद शर्मा समेत राजकुमार अरोरा, शकुंतला देवी, गंगा माता, बल्ला माता, रमेश अनेजा, राधा रानी सहित भक्तजनों ने कथा का श्रवण किया। आचार्य कुल एवं संगीत कुल ने भजनों के माध्यम से भक्तजनों को भाव विभोर कर दिया।