समाचार शगुन उत्तराखंड
भारतीय शहीद सैनिक स्कूल में रचनात्मक शिक्षक मंडल की पहल पर चल रहे 3 दिवसीय बाल फिल्म मेले के दूसरे दिन आज बच्चों ने रेड बलून समेत अनेक अन्य बाल मनोविज्ञान केंद्रित फिल्में देखीं।
कार्यक्रम की शुरुआत आजादी के आंदोलन के क्रांतिकारी नायक रहा रामप्रसाद बिस्मिल को उनकी 128 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि के साथ हुआ।संगीत शिक्षिका नेहा आर्या के दिशानिर्देशन में सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है गीत का सस्वर सामूहिक वाचन हुआ।उसके पश्चात रामप्रसाद बिस्मिल के जीवन पर एक डाक्यूमेंट्री देखी गई।आज बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली सरकार के संयुक्त शिक्षा निदेशक पद से सेवानिवृत्त डा आनंद सिंह बिष्ट मौजूद रहे।उन्होंने बच्चे के समग्र विकास के लिए सृजनात्मक गतिविधियों को
शिक्षण में बढ़ाए जाने पर जोर दिया।उन्होंने कहा सिनेमा,थियेटर जैसी गतिविधियों से जुड़ने पर बच्चे का बहुआयामी विकास होना तय है।
आज 300 से अधिक बच्चों ने फ्रेंच मूवी रेड बलून एवं कंचे और पोस्टकार्ड फिल्म देखी।
आस्कर पुरस्कार से सम्मानित फिल्म रेड बलून एक ऐसे बच्चे पर केंद्रित है जिसे अचानक एक लाल गुब्बारा मिल जाता है।वह लाल गुब्बारा बच्चे का अभिन्न हिस्सा बन जाता है। कंचे और पोस्टकार्ड फिल्म भारतीय मध्यवर्ग से आने वाले उन बच्चों की कहानी है जिनको उनकी रुचि के विपरीत जबरदस्ती दूसरे खेलों की ओर धकेल दिया जाता है। फिल्म में एक बच्चे का अन्य बच्चों के साथ कंचे खेलने का है पर उसके मामा उसको जबरदस्ती फुटबॉल का खिलाड़ी बनाने पर आमदा हैं। जूनियर कक्षा के बच्चों को सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता कविता बतूता का जूता का नाट्यमंचन भी कराया गया। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता,कार्यक्रम संयोजक नवेंदु मठपाल, हिमांशु पांडे, शाहनवाज, दिव्या ढेला, प्रवीण सती, आलोक कुमार मौजूद रहे।