समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
रचनात्मक शिक्षक मंडल उत्तराखंड की पहल पर शहीद सैनिक स्कूल मल्लीताल नैनीताल में आज गुरुवार 6 जून से दो दिवसीय बाल फिल्म मेला शुरू हो गया है। बाल फिल्म मेले की शुरुआत
जवाहर लाल नेहरू की पुस्तक भारत एक खोज पर श्याम बेनेगल द्वारा बनाए गए सीरियल भारत एक खोज के पहले एपिसोड भारत माता की जय से हुई। बच्चों ने ऑस्कर पुरूस्कार समेत अनेकानेक पुरूस्कारों से नवाजी गई फिल्म द रेड बलून भी देखी।द रेड बलून एक कालातीत क्लासिक है जिसने दशकों को आकर्षित किया है। 1956 में रिलीज हुई यह फ्रेंच शॉर्ट फिल्म पास्कल नाम के एक युवा लड़के की दिल को छू लेने वाली कहानी बताती है जो एक जादुई लाल गुब्बारे से दोस्ती करता है। अल्बर्ट लैमोरिस द्वारा निर्देशित, यह आकर्षक कहानी दर्शकों को आश्चर्य और कल्पना की दुनिया में ले जाती है। बच्चों ने इकतारा ग्रुप निर्देशित चंदा के जूते फिल्म भी देखी। यह फिल्म वर्तमान रट्टू शिक्षा व्यवस्था की विसंगतियों पर केंद्रित है। चंदा के जूते एकतारा की पहली फिक्शन फिल्म है। एक छोटी लड़की चंदा, जो अपनी बस्ती की निर्विवाद चैंपियन है और उसकी सहेली शमीन एक बड़े स्कूल में दाखिला लेने के बाद चिंताओं से भरे बैग के बोझ तले दबी हुई है। एक स्कूल जो अपने साथ नई किताबें, यूनिफॉर्म और ऐसा बहुत कुछ लेकर आता जो चंदा को बिलकुल पसंद नहीं।स्कूल प्रशासन चाहता है हर बच्चे को जूते अवश्य पहनने चाहिए।, जबकि चंदा को जूतों से नफरत है। बच्चों ने सामूहिक रूप से गिरीश तिवारी गिर्दा, हीरा सिंह राणा के गीत भी गाए। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता, शिक्षक मंडल संयोजक नवेंदु मठपाल, शाहनवाज, माधोसिंह, गोबिंद बोरा, नीलम जोशी, डा.रेनू मौजूद थे।