बागजाला के आंदोलन में मातृशक्ति की बढ़ी भागीदारी

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 

अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला कमेटी के नेतृत्व में ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन बुधवार 10 सितंबर को 24 वें दिन भी जारी रहा। गौरतलब है कि बागजाला गांव में भूमि के मालिकाना अधिकार, निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटाने, पंचायत चुनाव का अधिकार बहाल करने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना शुरू हुआ था लेकिन राज्य सरकार, जिला प्रशासन और वन विभाग ने कोई भी संज्ञान नहीं लिया है जो खेदजनक है। इसको लेकर बागजाला वासियों में भारी रोष व्याप्त है। विमला देवी ने कहा कि, चिपको आंदोलन, नशा नहीं रोजगार दो, उत्तराखण्ड आंदोलन सभी में महिलाओं की प्रमुख भूमिका रही और आंदोलन जीते गए, बागजाला आंदोलन में भी महिला शक्ति की बड़ी भागीदारी के बल पर अवश्य जीत हासिल होगी। राजदा ने कहा कि, जब से बागजाला बसा है तब से यहां सभी धर्मों जातियों के लोग मिल जुलकर रहते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ समय से इस एकता को तोड़ने की काफी कोशिशें हुए लेकिन किसान महासभा के साथ संगठित होकर गांव की एकता मजबूत हुई है और विभाजन करने वाली ताकतों के मंसूबे ध्वस्त हुए हैं। इस एकता को बनाए रखना जरूरी है। 24वें दिन के धरने में मुख्यतः आनन्द सिंह नेगी, विमला देवी, राजदा, वेद प्रकाश, डा कैलाश पाण्डेय, हेमा देवी, किरन प्रजापति, एम एस मलिक, मो परवेज, मीना भट्ट, हरदित्ता सिंह, धनी राम आर्य, प्रेम सिंह नयाल, चन्दन सिंह मटियाली, हरक सिंह बिष्ट, गोपाल सिंह बिष्ट, दीवान सिंह बर्गली, सुनीता प्रजापति, ऋषि मटियाली, दुर्गा मटियाली, मधु बिष्ट, दौलत सिंह कुंजवाल, पुष्पा, सरोज, यश आर्य, पार्वती, दिनेश चन्द्र, भोला सिंह, हरि गिरी, भगवती गोस्वामी, प्रकाश राम, मुन्नी देवी, दीपिका, कमल देवी, फरहा, मारूफ अली, मिथिलेश, सलमा, हेमा आर्य, विमला पाण्डे, नीमा भट्ट, जेबा, सरला सिंह, रानी, राजदा, रेखा देवी, हीरा देवी, शांति देवी, सुमन लता शर्मा, हंसी बिष्ट, नशित, रेखा देवी, तुलसी, देवकी आदि शामिल रहे। धरना जारी रहेगा।

 

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