समाचार शगुन उत्तराखंड
उत्तराखंड आंदोलन के दौरान 1 सितंबर को खटीमा में शहीद हुए आंदोलनकारियों के शहादत दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।शहीद पार्क लखनपुर में हुई सभा को संबोधित करते हुए राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा राज्य बने 25 वर्ष बीत चुके पर आज भी राज्य आंदोलनकारी शहीदों के सपने पूरे नहीं हुए। जल,जंगल,जमीन को बचाने की लड़ाई आज भी जारी है। आंदोलनकारी रहीं सुमित्रा बिष्ट ने कहा
उत्तराखंड की आम जनता की हाल पहले से बदतर हुईं है,न मुज्जजफरनगर के दोषियों को सजा मिली न अंकिता भंडारी के वास्तविक दोषियों को।राज्य आंदोलनकारी योगेश सती ने कहा फिर से एकबार उत्तराखंड के आम जन को अपनी बेहतरी के लिए संघर्ष तेज करना होगा।उस दौर के कर्मचारी नेता पान सिंह नेगी ने कहा राज्य आंदोलन के दौरान कर्मचारी शिक्षकों ने तीन महीने तक हड़ताल की,राज्य बने 25 बर्ष हो गए आज भी कर्मचारी शिक्षक आंदोलनरत ही हैं। कार्यक्रम में एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग की गई कि उत्तराखंड के हर शैक्षणिक संस्थान में राज्य आंदोलन के शहीदों के चित्र और शिलापट्ट बनाया जाय।सभा के अंत में राज्य आंदोलनकारी कर्मचारी नेता गिरीश चंद्र उप्रेती के निधन पर शोक व्यक्त किया गया।राज्य आंदोलनकारी चंद्रशेखर जोशी की अध्यक्षता और नवीन नैथानी के संचालन में सम्पन्न सभा में प्रभात ध्यानी, चंद्रशेखर जोशी, नवीन नैथानी, इंदर मनराल, गिरीश आर्या, पान सिंह नेगी, नवेंदु जोशी, सीपी खाती, प्रकाश फूलोरिया, तुलसी छिमवाल, सुमित्रा बिष्ट, देवेंद्र बिष्ट, नवेंदु मठपाल, रईस अहमद, मुन्ना तिवारी योगेश सती, गोबिंद सिंह बिष्ट, विक्रम मावड़ी, बीएस डंगवाल, प्रकाश पाठक, केशव दत्त ध्यानी, निर्मल तिवारी मौजूद रहे।