समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
रचनात्मक शिक्षक मंडल उत्तराखंड की पहल पर भारतीय शहीद सैनिक मल्लीताल में 3 दिवसीय बाल फिल्म मेला विधिवत शुरू हुआ। तीन दिवसीय बाल फिल्म मेला समारोह का विधिवत उद्घाटन हाइकोर्ट बार कौंसिल के अध्यक्ष दुर्गा मेहता ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा सिनेमा आज शिक्षण का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। बाल मनोविज्ञान केंद्रित सामाजिक सरोकारों की फिल्मों को बच्चों को समय समय पर दिखाते रहना आज की आवश्यकता बन गया है। विचारोत्तेजक फिल्में छात्रों के बीच कठिन सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक समस्याओं के बारे में बातचीत और बहस शुरू करने के लिए उत्प्रेरक का काम करती हैं। इससे न केवल छात्रों की आलोचनात्मक सोच क्षमताओं में सुधार होता है, बल्कि सहानुभूति और विभिन्न दृष्टिकोणों का ज्ञान भी विकसित होता है।
समारोह की शुरुआत 1857 के गदर के क्रांतिकारी विद्रोही अज़ीमुल्ला ख़ां द्वारा लिखे प्रयाण गीत हम हैं इसके मालिक हिन्दुस्तान हमारा, पाक वतन है कौम का जन्नत से भी न्यारा से हुई। इसके पश्चात जवाहरलाल नेहरू लिखित पुस्तक भारत एक खोज पर श्याम बेनेगल निर्देशित सीरियल का पहला एपीसोड भारत माता की जय बच्चों को दिखाया गया। इसके पश्चात वरिष्ठ साहित्यकार आर के नारायण लिखित कहानी संग्रह मालगुडी डेज पर आधारित एपीसोड बच्चों को दिखाए गए। स्कूली दिनों में बच्चों की समझ, पढ़ाई और उनकी गतिविधियों को बाल मनोविज्ञान के नजरिए से इन कहानियों में बताया गया है। इन एपीसोड के निर्माण में प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण ने स्केच कलाकार के रूप में योगदान दिया। इस मौके पर इंस्पायर अवार्ड के जिला समन्वयक हिमांशु पांडे ने प्रतिभागी बच्चों को जानकारी दी कि 15 जून से इंस्पायर अवार्ड के पंजीकरण शुरू हो रहे हैं। बच्चे उसमें पंजीकरण करा अपने नवाचारों को स्थान दें। विद्यालय के प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता ने अतिथियों को विद्यालय के बच्चों द्वारा बनाए गए ऐपण के चित्र भेंट किए। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक नवेंदु मठपाल, दिव्या ढेला, दीपक कोरंगा, शाहनवाज, नेहा आर्या, प्रवीण सती ,आलोक कुमार, प्रकाश पोड़ियाल आदि मौजूद रहे।