समाचार शगुन उत्तराखंड

तराई बीज विकास निगम की टेंडर प्रक्रिया में करोड़ों के घोटाले का खुलासा करते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग उठाई गई है। श आरोप लगाया गया है कि राजनैतिक दबाव में सरकारी खजाने को करोड़ों की चोट पहुंचायी गयी है। जिस काम की सरकारी वैल्यू 12 करोड़ से अधिक आंकी गयी थी उसे चहेते ठेकेदार को साढ़े छह करोड़ में दे दिया गया। यह खुलासा पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने किया है। सिटी क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक ठुकराल ने कहा कि ऊधमसिंहनगर जिले के पंतनगर हल्दी स्थित विश्व विख्यात तराई बीज विकास निगम के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद में आ रहा है, इसे अन्यत्र शिफ्ट किया जाना है लेकिन इसकी आड़ में कुछ राजनैतिक और प्रशासनिक लोग सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं। ठुकराल ने कहा कि विस्तारीकरण की जद में आ रही टीडीसी की बिल्डिंगों को तोड़ने का ठेका गुपचुप तरीके से हो गया। किसी भी समाचार पत्र में इसकी कोई निविदा नहीं निकाली गयी। जिसके चलते इस निविदा प्रक्रिया में कोई भी स्थानीय ठेकेदार भाग नहीं ले पाया। मात्र तीन ठेकेदारों ने इस निविदा में भाग लिया। जिसमें से एक दिल्ली का दूसरा और उत्तर प्रदेश और तीसरा स्थानीय है। ये तीनों भी आपस में मिले हुए थे। षडयंत्र के तहत यह पूरा काम एक ही व्यक्ति को दे दिया गया। चार लाटों में जो काम दिया गया है उसकी सरकारी वैल्यू लगभग 12 करोड़ से अधिक निकाली गयी थी लेकिन सांठ गांठ के चलते इस काम को मात्र 6 करोड़ 49 लाख 73 हजार रूपये में दे दिया गया। मात्र एक फर्म को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राजनैतिक दबाव में यह घोटाला किया गया। इसमें कोई पारदर्शिता नहीं अपनाई गयी। पूर्व विधायक ने कहा कि इस घोटाले से सरकारी खजाने को करोड़ों की चोट पहुंचायी गयी है, यह खेल पूरे षडयंत्र के तहत चल रहा है। पूरी साजिश के तहत टीडीसी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हल्दी स्थित टीडीसी की बिल्डिंग को तोड़ना मजबूरी इसलिए है क्योंकि वहां पर हवाई अड्डे का विस्तार होना है, लेकिन मटकोटा स्थित टीडीसी के बीज विधायन संयत्र को भी तोड़ा जा रहा है, जबकि यहां पर कुछ वर्ष ही पूर्व करोड़ों की नई मशीनें लगाई गई थीं। इसके अलावा बाजपुर में स्थित बीज विधायन संयत्र को उखाड़ दिया गया है। इसका सीधा संकेत है कि टीडीसी को समाप्त किया जा रहा है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ये किसानों के साथ अन्याय है, किसानों का गला घोंटने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीडीसी को खड़ा करने में अरबों रूपये खर्च हुए हैं और कड़ी मेहनत से टीडीसी ने देश विदेश में मुकाम हासिल किया है। लेकिन निजी स्वार्थों के लिए इसे समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सैटिंग गैटिंग के खेल में कुछ लोग प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह चाट रहे हैं, इसका उदाहरण टीडीसी है। ठुकराल ने कहा कि टीडीसी में घोटाला करने वालों का शीघ्र ही पूरा पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में टीडीसी को बचाने के लिए टीडीसी के एमडी और जीएम से मुलाकात करेंगे और उसके बाद मुख्यमंत्री को पूरे मामले की जानकारी देंगे। उन्होंने न्यायालय से भी इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सूचना अधिकार से पूरी जानकारी मिलने के बाद जल्द ही इस घोटाले का पूरा खुलासा किया जायेगा।