लालकुआं तहसील में बांधे आवारा गौवंशीय पशु, अखिल भारतीय किसान महासभा का प्रदर्शन

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 

आवारा गोवंश के कारण खेती किसानी चौपट होने और लगातार जारी सड़क दुर्घटनाओं से परेशान ग्रामीणों ने आज बुधवार को अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में आवारा गोवंशीय पशुओं को सरकार के हवाले करो’ कार्यक्रम के अंतर्गत सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरुषों ने आवारा गाय बैलों को लालकुआं तहसील में बांधा। कार्यक्रम के समर्थन में पहुंचे भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने इस अवसर पर कहा कि, भाजपा के लिए गाय भी सिर्फ वोट पाने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माध्यम है, उनकी दुर्दशा से भाजपा का कोई सरोकार नहीं है। अगर ऐसा न होता तो भाजपा की सरकारें आवारा होते गौवंश से खेती, मनुष्य जीवन और खुद इन्हें बचाने के प्रभावी उपाय करती। अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि, आवारा गाय बैलों से खेती किसानी संकट में पड़ गई है और सड़कों पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन सरकार असंवेदनशील होकर उदासीन बनी हुई है।

सरकार को तत्काल इसका उपाय करना होगा अन्यथा यह परिदृश्य एक बड़ी आपदा की ओर बढ़ रहा है। भाकपा माले के जिला सचिव कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, भाजपा सरकार ने संरक्षण के नाम पर एक तरफ गाय की बेकद्री की है और दूसरी ओर गाय के बहाने पूरे देश में मॉब लिंचिंग करते गुंडों को गौ रक्षक कहा जा रहा है। वे गायों की रक्षा नहीं करते बल्कि गाय के नाम पर मनुष्य जीवन पर हमला बोल रहे हैं। गौ रक्षक बन कर घूमने वाले इन गुडों पर सख्ती से अंकुश लगाया जाना चाहिए। किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, किसान महासभा का स्पष्ट रूप से मानना है कि आवारा गोवंश पशुपालक प्रदत्त आपदा नहीं है यह बड़े पूंजीपतियों के पक्ष में सरकार जनित आपदा है इसके सम्पूर्ण नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की है। इसके बाद उपजिलाधिकारी लालकुआं के माध्यम से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर 7 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया। इस मौके पर अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी, उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, नैनीताल जिलाध्यक्ष भुवन जोशी, भाकपा माले राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, पुष्कर सिंह दुबड़िया, विमला रौथाण, आंनद सिंह सिजवाली, किशन सिंह बघरी, कमलापति जोशी, सावित्री,आंनद दानू, प्रवीण दानू, त्रिलोक राम, पनीराम, लक्ष्मण सिंह राठौर, पार्वती, बची सिंह, गुलाब राम, तुलसी देवी, पूनम कार्की, सरस्वती देवी, हरिकिशन, आनंदी, राधा, खष्टी आदि सैकड़ों ग्रामीण शामिल रहे।

 

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