समाचार शगुन उत्तराखंड
केंद्र सरकार द्वारा लाई गई एकीकृत पेंशन स्कीम कर्मचारी शिक्षकों के हित में नहीं है, यदि केंद्र सरकार कार्मिकों के हितों के प्रति वास्तव में ईमानदार है तो पुरानी पेंशन स्कीम OPS को हूबहू लागू करें। यह विचार उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष शिक्षक नेता नवेंदु मठपाल ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिस एकीकृत पेंशन स्कीम को लेकर आई है यह पेंशन को बाजार अर्थात शेयर मार्केट के हवाले ही करती है इसलिए पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू की जानी चाहिए क्योंकि पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में कर्मचारी को बिना किसी अंशदान के उसकी सेवा के एवज में उसके अंतिम कुल वेतन का (भत्तों सहित) 50℅ पेंशन के रूप में मिलता था परंतु केंद्र सरकार द्वारा लाई गई UPS में कर्मचारी के अपने अंशदान के बावजूद अंतिम सेवा वर्ष के मूल वेतन (बिना भत्तों के) के वार्षिक औसत का 50℅ ही पेंशन मिलेगा जो अनुमानतः OPS की अपेक्षा आधा है।
OPS में महंगाई भत्ता वेतन के समान देय होता था, यानि प्रति 6 माह में पुनरीक्षित। परंतु UPS में महंगाई की दर के अनुरूप पेंशन संशोधन प्रस्तावित है, महंगाई भत्ता नहीं। OPS में कर्मचारी का GPF अंशदान ब्याज सहित कर्मचारी को देय होता था परंतु UPS में कर्मचारी के अंशदान को किस रूप में दिया जाएगा यह स्पष्ट नहीं और साथ ही यह बचत अभी भी बाजार के ही हवाले होगी।
इसलिए हमें UPS हमें किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं, पुरानी पेंशन स्कीम को ही सरकार लागू करे।