समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
श्रीमहादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय देवलचौड हल्द्वानी में संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य में संस्कृत सम्भाषण के विषय में बताया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा नैनीताल यशोदा प्रसाद सेमल्टी ने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्कृत ही विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। हमारे वेद पुराण उपनिषद संस्कृत में लिखे गए हैं।
संस्कृत को देवभाषा कहा गया है। संस्कृत में ही समस्त ज्ञान विज्ञान समाहित है। विद्यालय के प्रधानाचार्य डा.नवीन चन्द्र जोशी ने कहा कि संस्कृत देवताओं की भाषा है देवभूमि उत्तराखंड में देवभाषा संस्कृत के अठ्ठारह पुराण भगवान वेदव्यास व्यास द्वारा व्यास गुफा बद्रीनाथ जी रचे गये थे इसलिए देवभूमि में देव भाषा का आदि काल से सम्बन्ध रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत ही सामाजिक समरसता स्थापित कर सकने में समर्थ है। संसार में सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: का भाव देव भाषा संस्कृत में ही मिलता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ विद्वान डा.कृष्ण चन्द्र जोशी ने की। कार्यक्रम में डा.राजेश कुमार जोशी, आचार्य दिनेश चन्द्र तिवाडी ने भी विचार रखे। छात्रों द्वारा संस्कृत श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता आयोजित की गयी। कार्यक्रम का संचालन डा.चन्द्र बल्लभ बेलवाल ने किया।