समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछासं) ने पश्चिम बंगाल के अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार व हत्या के विरोध में आज शुक्रवार को बुद्ध पार्क, तिकोनिया में सभा कर पश्चिम बंगाल सरकार व अश्लील उपभोक्तावादी व पूंजीवादी संस्कृति का पुतला दहन किया। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि बंगाल सरकार आरोपियों को बचाने का घृणित काम कर रही है। कैंडल मार्च करने वालों पर भीड़ द्वारा हमला, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को पुनर्नियुक्ति, घटना के बारे में शुरुआत से झूठ बोलना, आदि महिला मुख्यमंत्री के होने के बावजूद हो रहा है। इससे साफ है कि महिला हिंसा के मामले में शासक महिला हो या पुरुष महिला हिंसा में कोई फर्क नहीं पड़ता। दोनों ही बराबर असंवेदनशील हैं। महिला हिंसा और बलात्कार पर सरकार तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, कांग्रेस या किसी और की होने से भी कोई कमी नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति ने लोगों की मानसिकता को इस हद तक बर्बाद कर दिया है कि महिलाएं घर, काम की जगह कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। हर पारिवारिक-सामाजिक सम्बन्ध तार-तार हो रहा है। फिल्में, गानें, विज्ञापन, पोर्न साइट, आदि मुनाफा बटोर रहे हैं और महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मानसिकता भर रहे हैं। सभा के दौरान कार्यकर्ताओं ने “अपराधियों को बचाने वाली बंगाल सरकार मुर्दाबाद”, “अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति मुर्दाबाद”, “दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करो”, आदि नारे लगाये। पुतला फूंकने वालों में महेश चन्द्र, रुपाली, ईशा चौहान, अनिशेख, उमेश पाण्डेय, उमेश चन्द्र, विपिन, चंदन आदि लोग थे।