रामनगर में 77वीं जयंती पर कविताओं के साथ याद किए गए वीरेन डंगवाल

समाचार शगुन उत्तराखंड 

हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित कवि वीरेन डंगवाल को 77वीं जयंती पर आज सोमवार को राजकीय इंटर कालेज ढेला में उनकी कविताओं के साथ याद किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की सांस्कृतिक टीम उज्यावक की कोमल सत्यवली, हिमांशी जीना, मानसी करगेती, विवेक बिष्ट, दीपांशु ने वीरेन डंगवाल की कविता से की। इस मौके पर अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल ने डंगवाल को आमजन के सुख दुख का कवि बतलाया।‌ उन्होंने कहा कि वीरेन डंगवाल के जीवनकाल में उनकी तीन कविता संग्रह व तुर्की के क्रातिकारी कवि नाजिम हिकमत की कविताओं के अनुवाद व कई लेख प्रकाशित हुए हैं। उनकी कविताएं अंधेरे से लड़ने की राह दिखाती हैं। बच्चों द्वारा वीरेन डंगवाल की कविताओं हाथी, मेरा बच्चा, उजले दिन जरूर आएंगे, पपीता, हमारा समाज, रामसिंह का वाचन किया गया। इस मौके पर कला शिक्षक प्रदीप शर्मा के दिशा निर्देशन में बच्चों ने वीरेन डंगवाल की कविताओं के पोस्टर भी बनाए। इस मौके पर प्रधानाचार्य श्रीराम यादव, मनोज जोशी, नवेंदु मठपाल, सीपी खाती,‌ हरीश कुमार, संत सिंह, दिनेश निखुरपा, नफीस अहमद, प्रदीप शर्मा, बालकृष्ण चंद, सुभाष गोला, संजीव कुमार, जया बाफिला, उषा पवार, पद्मा, नरेश कुमार आदि मौजूद थे।

 

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