हल्द्वानी के दमुवाढूंगा में सरकारी जमीनों का चिन्हीकरण व तारबाड़ के‌ निर्देश को करें निरस्त, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने नगर आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 

हल्द्वानी के दमुवाढूंगा क्षेत्र में मौजूदा सरकारी जमीनों को चिह्नित व हदबन्दी के निर्देश को निरस्त करने की मांग को‌‌ लेकर आज मंगलवार को नगर आयुक्त विशाल मिश्रा को ज्ञापन सौंपा गया। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि नगर आयुक्त हल्द्वानी की ओर से नगर निगम कार्मिकों को दमुवाढूंगा क्षेत्र में मौजूदा सरकारी जमीनों को चिन्हित कर तारबाड़ व हदबंदी करने हेतु जारी किए गए निर्देश विधि सम्मत् नहीं है जिसे निरस्त किया जाना चाहिये। बल्यूटिया ने कहा कि जवाहर ज्योति-दमुवाढूंगा क्षेत्र में उत्तराखण्ड शासन राजस्व अनुभाग-3 संख्याः 214(XVIII(3)/2020-3(17)/2016 देहरादून दिनांक 13 मई 2020 को अधिसूचना जारी कर दमुवाढूंगा क्षेत्र में सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रियाओं को राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से बन्द कर दिया गया, जिस कारण दमुवाढूंगा क्षेत्र में सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रियायें बन्द हो गई हैं और बन्दोबस्ती का कार्य बाधित हो गया है। ऐसे में नगर निगम का दमुवाढूंगा में सरकारी जमीनों का चिन्हिकरण कर तारबाड़ (हदबन्दी) किये जाने सम्बन्धी निर्देश शासन की अधिसूचना का खुला उल्लंघन है। जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा क्षेत्र में सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रियायें बन्द होने से बन्दोबस्ती नहीं हुई है एवं क्षेत्र का राजस्व नक्शा भी बन पाया है। ऐसे में नगर निगम कैसे सरकारी जमीन का चिन्हिकरण कर हदबन्दी की प्रक्रिया कर सकता है। दीपक बल्यूटिया ने कहा कि जवाहर ज्योति-दमुवादूंगा क्षेत्र के सम्बन्ध में सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 13 मई 2020 संख्या 214/XVIII(3)/2020-3(17)/2016 को माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड में एक जनहित याचिका (WPPIL) संख्या- 118/2021 दायर कर चुनौती दी गई, जिसमें नगर निगम, हल्द्वानी भी एक पक्षकार है। सम्बन्धित प्रकरण वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
ऐसे में नगर निगम द्वारा जमीन के चिन्हिकरण एवं हतबंदी का निर्देश जारी करना विधि सम्मत नहीं है तथा उच्च न्यायालय की अवमानना है। प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने नगर आयुक्त हल्द्वानी से दमुवादूंगा क्षेत्र में मौजूदा सरकारी जमीनों को चिह्नित कर इनकी तारबाड (हदबन्दी) करने सम्बन्धी निर्देश को निरस्त करने की मांग की। ज्ञापन सौंपने वालों में महेशानन्द, जगदीश चन्द्र भारती, प्रभात पाल, वीरेंद्र जग्गी, वसीम अली, मनोज बल्यूटिया, पीयूष बल्यूटिया, विनोद तिवारी, मोहसिन मिकरानी, सैय्यद रेहान, मोहन सनवाल आदि शामिल थे।

 

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