समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
सरकार द्वारा निराश्रित गौवंशीय पशुओं के लिए अस्थाई गौशाला का निर्माण शीशमहल और राजपुरा में किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो गौ माता के प्रति समर्पित समाज के धार्मिक और सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिम्ब करता है। इसके साथ ही गौशाला के परिचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी सामाजिक संस्था को सौंपी गई है, जो समाज के एकाधिक आवश्यक आर्थिक, सामाजिक, और धार्मिक कार्यों में लगी हुई हैं। इसके अलावा, आज उन संस्थाओं को सहायता मिली है जो गौशाला के प्रबंधन में सक्रिय रूप से योगदान दे रही है। इस लेख में, हम संगठनों के सहयोग के महत्व को समझेंगे और गौशाला के प्रबंधन में उनके योगदान का विश्लेषण करेंगे। सनातन ऐड इंडिया व सामाजिक संस्थाओं का गौशाला के प्रबंधन में योगदान महत्वपूर्ण कदम है। गोशाला का प्रबंधन सिर्फ गोवंश की देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें धार्मिक और सामाजिक कार्यों का भी समावेश है। सामाजिक संस्थाएं गौशाला के रखरखाव, चिकित्सा सेवाएं और गौसेवा के लिए आवश्यक संसाधनों का प्रबंधन करती हैं। इन संस्थाओं का सहयोग होने से गौशाला की संचालनिक क्षमता में सुधार होता है और इससे समाज को भी आवश्यक सेवाएं प्राप्त होती हैं। ऐसी संस्थाओं ने गौशाला के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसमें गोपूजन, गोआरती, और प्रसाद वितरण जैसे पारंपरिक धार्मिक कार्यों का समायोजन शामिल है। इसके अलावा वे संस्था के सदस्यों के साथ मिलकर गौशाला की संचालनिक क्षमता को मजबूत करने में भी सहायक हुए। उनका योगदान गोशाला के संचालन में सुधार लाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है और साथ ही सामाजिक सेवाओं को भी विस्तारित किया गया है। गौशाला के प्रबंधन में सामाजिक संस्थाओं का सहयोग एक सफल योजना की कुंजी है। इसके माध्यम से, हम गौ माता के समर्पित समाज के मूल्यों को संरक्षित रखते हैं और समाज की सेवा में अपना योगदान देते हैं। इस प्रकार, हम सामाजिक समर्थन और गौ सेवा के माध्यम से समृद्धि और समानता की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। इस अवसर पर हरे कृष्णा गौशाला हल्दूचौड़ से गोपीनाथ दास ने अपनी टीम के साथ उपस्थित होकर गौसंकीर्तन किया। इस मौके पर निवर्तमान महापौर डॉ.जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मनोज काण्डपाल, सहायक अभियंता नवल नौटियाल, अध्यक्ष सनातन ऐड इंडिया डॉ.भारत भूषण, आश्रय सेवा समिति अध्यक्ष निकिता सुयाल आदि मौजूद थे।