समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड
विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने कौमी एकता मंच के बैनर तले सोमवार को हल्द्वानी में
नैनीताल जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को संबोधित ज्ञापन एसपी सिटी को सौंपा। उनका कहना था कि कमलुवागांजा से लेकर कठघरिया तक के क्षेत्र में मुस्लिम दुकानदारों को दुकानें नहीं खोलने दी जा रही हैं। इतना ही नहीं दुकान मालिकों को उन्हें घर दुकानों से बाहर करने की धमकी देकर सामाजिक सदभाव बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर पीड़ितों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि बीती आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई घटना के दिन से ही कमलुवागांजा, कठघरिया आदि क्षेत्रों में कुछ लोग मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर हमला, आगजनी, पथराव, जुलूस निकालकर आतंकित करने का काम कर रहे हैं। अल्पसंख्यक दुकानदारों को दुकानें और घर खाली करने की धमकी के साथ साथ दुकानों के मालिकों को भी उनसे मकान व दुकान खाली न कराने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है। उनका आरोप था कि इस मामले में कमलुवागांजा निवासी व भाजयुमो नेता का नाम सामने आ रहा है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ अभी तक कोई पुलिस कार्यवाही नहीं की गई है जबकि पिछले साल कमलुवागांजा में गौवंश के साथ अप्राकृतिक कृत्य के फर्जी मामले के उठने के बाद हुए बवाल में भी इस व्यक्ति की भूमिका सामने आई थी। इस तरह के तत्व हल्द्वानी शहर के माहौल को बिगाड़ने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे अराजक तत्वों को गिरफ्तार करने, अल्पसंख्यक दुकानदारों और उनके मकान मालिकों को सुरक्षा प्रदान करने जैसी मांगें उठाईं। एसपी सिटी से मिलने वालों में प्रो.उमा भट्ट, भाकपा माले जिला सचिव डा.कैलाश पाण्डेय, उत्तराखंड महिला मंच बसंती पाठक, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल अध्यक्ष इस्लाम हुसैन, ऐक्टू महामंत्री केके बोरा, पछासं के महेश, जनवादी लोक मंच के मनोज पाण्डे, क्रांलोस के नसीम, इंकलाब मजदूर केंद्र के रोहित, प्रदीप पाण्डे, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की बिंदु गुप्ता, जमाते इस्लामी के मो.साजिद, रियासत अली समेत तमाम पीड़ित दुकानदार शामिल थे।