समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
एफएलएन के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण का दूसरा चरण डायट भीमताल में 27 अगस्त को प्रारंभ हुआ। बीती 29 अगस्त को इस प्रशिक्षण का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ।
जनपद के समस्त आठ ब्लाकों के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के 76 प्रधानाध्यापकों ने इस प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण में प्राचार्य गीतिका जोशी द्वारा सभी प्रधानाध्यापकों से मूलभूत भाषाई और संख्यात्मक ज्ञान के अंतर्गत वर्ष 2026-27 तक कक्षा 3 तक के बच्चों हेतु निर्धारित लर्निंग आउटकम प्राप्त करने हेतु विशेष प्रयास करने की बात कही साथ ही विद्यालयों में स्थित पुस्तकालयों को जीवंत पुस्तकालय बनाने हेतु लगातार प्रयास किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। FLN कोऑर्डिनेटर रेखा तिवारी द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण में 11 माड्यूल पर प्रधानाध्यापकों से विस्तार से चर्चा की गई। FLN के संबंध में प्रधानाध्यापकों की भूमिका, जेंडर संवेदीकरण, साक्षरता साहित्य एवं पुस्तकालय,बाल मित्र पुस्तकालय, CLMC का गठन,अभिभावकों एवं समुदाय की भागीदारी,विद्यालय की सामान्य एकेडमिक गतिविधियों में प्रधानाचार्य की भूमिका, पुस्तकालय रेटिंग सिस्टम,उपलब्ध संसाधनों का इष्टतम प्रयोग करते हुए विद्यालय विकास योजना,सीखने और सीखाने में प्रधानाध्यापक की भूमिका और सहायक अध्यापकों के अनुभनावात्मक प्रशिक्षण हेतु संवेदीकरण आदि पर विस्तृत चर्चा हुई। इस प्रशिक्षण में ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर डॉ.सुमित पांडे ने बताया कि निपुण भारत के अंतर्गत पढ़कर सीखना और सीख कर पढ़ना पर बल दिया गया है इसी को ध्यान में रखकर प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पुस्तकालय के माध्यम से बच्चों, अध्यापकों एवं अभिभावकों में पढ़ने की आदत का विकास करना है। पुस्तकालय में पढ़ने की आदत के विकास के लिए अध्यापकों को सर्वप्रथम मुखर वाचन, सह पठन, जोड़ों में पठन और स्वतंत्र पठन आदि गतिविधियां करवाकर पुस्तकों के पढ़ने के प्रति बच्चों में रुचि पैदा करनी चाहिए। वरिष्ठ प्रवक्ता एलपी तिवारी द्वारा प्रशिक्षण हेतु निर्धारित समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक सभी से अपनी पूर्ण उपस्थित बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रशिक्षण में ममता धामी, सुमिता साह, आरती सुमन, भावना पंत, राजेंद्र पांडे, कृष्णानंद जोशी, मनोज पालरिया, डॉ.पूरन सिंह बुगल, मनोज चौधरी आदि उपस्थित थे।