शिक्षक दिवस पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर उठी आवाज, संघ के आंदोलन को दिया समर्थन

समाचार शगुन उत्तराखंड 

 

रामनगर. शिक्षक दिवस के अवसर पर पुरानी पेंशन बहाली मंच(एन एम ओ पी एस)की पहल पर कर्मचारी शिक्षकों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की।संघ भवन, फॉरेस्ट कंपाउंड में हुए धरना,प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्मचारी शिक्षक संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष नवेंदु मठपाल ने कहा पुरानी पेंशन बुढ़ापे की सामाजिक,आर्थिक सुरक्षा है।उन्होंने कहा वर्ष 2004 में बाजपेयी सरकार के समय प्रारंभ की गई नई पेंशन स्कीम किसी भी कर्मचारी शिक्षक के हित में नही है। इस पेंशन का इतना जबरदस्त दुष्परिणाम है एक अस्सी हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को मात्र 2000 रुपये की पेंशन ही मिल रही है।मामला सिर्फ इतना ही नहीं है सरकार ने जिस प्रकार कार्मिकों की जीपीएफ का हजारों करोड़ रुपया शेयर मार्केट में लगा दिया है। इससे स्थिति और भी बदतर हो गयी है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा मोदी सरकार ने ओ पी एस को पुनः लागू करने के बजाय यू पी एस लागू कर हमारे साथ धोखा किया है।सरकार द्वारा जिस प्रकार निजीकरण की नीतियों को तेज करते बैंक,रेलवे सबका निजीकरण करने पर तुली है यह देश के लिए खतरनाक है ।पचास बर्ष से ऊपर के कार्मिकों को जिस प्रकार जबरदस्ती रिटायरमेंट देने पर तुली है इससे स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। सरकारी पदों को समाप्त कर रोजगार के अवसरों को समाप्त किया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षक संघ के हेम पांडे ने सभी से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा हमारी एकजुटता ही सरकार को पुरानी पेंशन देने को मजबूर कर सकती है।उन्होंने कहा नई पेंशन योजना में जीपीएफ से निकासी की योजना नही है।अगर कार्मिक के साथ कोई दुर्घटना हो गयी तो कार्मिक के परिवार को नई पेंशन योजना में किसी भी प्रकार का कोई लाभ नही मिलेगा।फॉरेस्ट एसोशियेश के मयंक सुयाल ने कहा नई पेंशन स्कीम में कार्मिक के रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली समस्त धनराशि आयकर से भी मुक्त नहीं है अर्थात 40 फीसदी धनराशि कार्मिक को मिलेगी ही नहीं । नई पेंशन योजना में कार्मिक द्वारा जमा की गई धनराशि में भी भारी अनियमितता की खबरें लगातार आ रही हैं। जिससे कर्मचारी शिक्षक और भी ज्यादा हतोत्साहित हो रहा है। राजकीय शिक्षक संघ के वर्तमान में चल रहे आंदोलन के प्रति भी समर्थन व्यक्त करते हुए सरकार से मांग की गई प्रधानाचार्य सीधी भर्ती रद्द की जाय,सभी स्तरों की पदोन्नति सूची जारी की जाय,स्थानांतरण किए जाएं। इस मौके पर नवेंदु मठपाल, मनोज तिवारी, डा नंदन बिष्ट, प्रकाश चंद्र फुलेरिया, नंदराम आर्य, खीम सिंह रजवार, देवेंद्र बिष्ट,  केसी त्रिपाठी, सुभाष गोला, हेम पांडे, देवेंद्र भाकुनी, जीवन बिष्ट मौजूद रहे।

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