समाचार शगुन उत्तराखंड
रूद्रपुर के रामलीला मैदान में वैश्विक शिव शिष्य परिवार की ओर से आयोजित विराट शिव गुरू महोत्सव में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने प्रतिभाग कर गुरूजनों का आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने पहली बार शहर में आयोजित हुए शिव गुरू महोत्सव पर हर्ष जाहिर करते हुए आयोजकों की सराहना की और सफल आयोजन के लिए बधाई दी। ठुकराल ने कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज को नई दिशा मिलती है और लोगों का आत्मिक विकास होता है। इस दौरान आयोजकों ने पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को मंच पर सम्मानित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में शिव शिष्या दीदी सुनीता आनंद जी ने भगवान शिव को अपना गुरू बनाने का आहवान किया। उन्होनें कहा कि आज व्यक्ति का मन प्रबल जागतिक आकर्षण के कारण स्वहित में लगा है, जिसके कारण समाज टूटने की स्थिति में है। आज व्यक्ति के मन को आत्मा के तल पर विकसित करने की आवश्यकता है। ताकि मानव मन संकीर्णताओं से निवृत्ति पा सके और व्यक्ति का मन परमात्म तत्व तक विकास पा सके। इस धर्मनिरपेक्ष विधा का नाम अध्यात्म है और गुरू इसके आलोक स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा कि आज योग्य गुरूओं की कमी है। अध्यात्म के गलत दिशा निर्देशों के कारण पूजा पद्धति कालगत समस्याओं एवं संकीर्णताओं को दूर करने में असफल हो गयी है। अध्यात्म के इस सक्रांति काल में मानव कल्याण हेतु एक मात्र विकल्प सही गुरू का उपलब्ध होना है। भगवान शिव आदिकाल से आदि गुरू एवं जगतगुरू के रूप में प्रतिष्ठित हैं। कोई भी व्यक्ति शिव को सहजता से अपना गुरू बना सकता है। महेश्वर शिव का यर्था में जन जन का गुरू होना ही जगतगुरू एवं महागुरू पद की सार्थकता सिद्ध करता है। इस अवसर पर जेपी सिंह, अशोक सिंह, सागर, धर्मदेव प्रसाद, लव सिंह, पंकज राय, मदन, राम जियावन, सतीश, धर्मेन्द्र, राजीव प्रसाद, अजय कुमार चौबे, राधिका, बेबी, इंदिरा, कंचन, सिंधू, मुन्नी, ललित बिष्ट, मनीषा, विपिन सिंह, आलोक राय, पवन, रामजी कुशवाहा, ज्ञानेश दुबे, रूचि, चन्द्रा रावल, मारूति, फूलमती, अंजना, अरूण, राजकुमार, शिव नारायण, अर्जुन, विनय भदौरिया आदि मौजूद रहे।