समाचार शगुन उत्तराखंड
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के आह्वान पर आज 29 अगस्त गुरुवार को एनपीएस एवं यूपीएस के विरोध में पुरानी पेंशन (ओपीएस ) को लागू किए जाने को लेकर चले राष्ट्रीय अभियान के तहत रामनगर में भी कर्मचारी शिक्षकों ने जबरदस्त ट्विटर अभियान चलाया। अभियान के सिर्फ पुरानी पेंशन स्कीम ओपीएस को बड़ी संख्या में ट्वीट रिट्वीट लाइक एवं शेयर किया गया। इसी क्रम में राजकीय इंटर कालेज ढेला में एक बैठक हुई। बैठक को संबोधित करते शिक्षक नेता कर्मचारी शिक्षक संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष नवेंदु मठपाल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाई गई एकीकृत पेंशन स्कीम कर्मचारी शिक्षकों के हित में नहीं है,यदि केंद्र सरकार कार्मिकों के हितों के प्रति वास्तव में ईमानदार है तो पुरानी पेंशन स्कीम OPS को हूबहू लागू करे। उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के जिला उपाध्यक्ष सुभाष गोला ने कहा केंद्र सरकार जिस एकीकृत पेंशन स्कीम को लेकर आई है यह पेंशन को बाजार अर्थात शेयर मार्केट के हवाले ही करती है इसलिए पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू की जानी चाहिए क्योंकि पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में कर्मचारी को बिना किसी अंशदान के, उसकी सेवा के एवज में उसके अंतिम कुल वेतन का (भत्तों सहित) 50℅ पेंशन के रूप में मिलता था। परंतु केंद्र सरकार द्वारा लाई गई UPS में कर्मचारी के अपने अंशदान के बावजूद अंतिम सेवा वर्ष के मूल वेतन (बिना भत्तों के) के वार्षिक औसत का 50℅ ही पेंशन मिलेगा जो अनुमानतः OPS की अपेक्षा आधा है। OPS में महंगाई भत्ता वेतन के समान देय होता था, यानि प्रति 6 माह में पुनरीक्षित। परंतु UPS में महंगाई की दर के अनुरूप पेंशन संशोधन प्रस्तावित है, महंगाई भत्ता नहीं। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व ब्लाक उपाध्यक्ष बालकृष्ण चंद ने कहा कि OPS में कर्मचारी का GPF अंशदान ब्याज सहित कर्मचारी को देय होता था परंतु UPS में कर्मचारी के अंशदान को किस रूप में दिया जाएगा यह स्पष्ट नहीं। और साथ ही यह बचत अभी भी बाजार के ही हवाले होगी। इस मौके पर मनोज जोशी, सीपी खाती, संत सिंह, नफीस अहमद, हरीश कुमार, दिनेश निखूरपा, महेंद्र आर्य, प्रदीप शर्मा, संजीव कुमार, बालकृष्ण चंद, सुभाष गोला, शैलेंद्र भट्ट, जया बाफिला, उषा पवार, सविता रावत मौजूद थे।