हल्द्वानी की घटना इतनी बड़ी, अल्फाज नहीं है अफसोस जताने के लिए, हिंसा के बाद शहर की शांति को नागरिकों ने दिए सुझाव

समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड

बनभूलपुरा हिंसा के बाद शहर में तरह-तरह की आशंकाओं को दूर‌ करने के मकसद से प्रशासन ने स्टेक होल्डर्स की बैठक बुलाई गई। इसमें व्यापार मंडल, ट्रांसपोर्टर, नगर‌ निगम कर्मियों समेत विभिन्न राजनीतिक व धार्मिक संस्थाओं से जुड़े लोग शामिल थे। बैठक में ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी ने बताया कि दंगे  के कारण ट्रांसपोर्ट करोबार भी प्रभावित हुआ है। मोटर मेकेनिक नहीं मिल रहे हैं।‌ उन्होंने कहा हल्द्वानी में पहली इस तरह की घटना हुई, लोग डर गये थे। उन्होंने घायलों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की। बनभूलपुरा से पहुंचे मौलाना ने कहा कि अल्फाज नहीं है अफसोस जताने के लिए, हल्द्वानी हमेशा से कौमी एकता गुलदस्ता रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी जान पर‌‌ खेलकर शहर को बचाया है। मौलाना ने कहा कि जिस तरह से दंगा किया गया, वह काले धब्बे के समान है। मौलाना ने‌ कहा कि शहर और इसमें रहने वाले चाहे अधिकारी हो या पत्रकार या सफाई कर्मचारी उनका  परिवार है। उन्होंने कहा कि मेरा भाई मेरा बेटा दंगाई है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, फोन आया था तो हमने दंगाइयों की मदद करने से इंकार‌ कर दिया है। उन्होंने जिलाधिकारी से क्षेत्र में बढ़ते नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने की मांग की ताकि युवा पीढ़ी को बर्बादी से बचाया जा सका। इस दौरान एक नागरिक ने शहर में घटनाओं को लेकर अस्पताल में पहले से व्यवस्था किये जाने का सुझाव दिया। बनभूलपुरा से पहुंचे महबूब अली ने हिंसा की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि प्रशासनिक अमले ने चोटिल होने‌ के बावजूद जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया यह सराहनीय है। देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के नेता राहत मसीह ने कहा कि आठ फरवरी काला‌ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। दूरदराज से उनके रिश्तेदारों के फोन आ रहे थे कि क्या हुआ हल्द्वानी में, हल्द्वानी तो अच्छा शहर था। उन्होंने कहा कि 10 से 15 हजार की नौकरी करने वाले सफाई कर्मचारियों का बीमा कराया जाना चाहिए। उत्तरांचल स्वच्छकार कर्मचारी संघ के नेता राम अवतार राजौर ने कहा कि शहर में 1947 से लेकर अब तक ऐसी घटना नहीं हुई। हिंसा के दिन गांधीनगर में घायलों का उपचार कराया, पुलिस व प्रशासन की मदद की गई  लेकिन बाद में सफाई कर्मचारियों का प्रोत्साहन नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन सुरक्षा की गारंटी देगा तो बनभूलपुरा में सफाई कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बैठक में तमाम संगठनों के लोगों ने प्रशासन को ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने देने का भरोसा दिलाया और तमाम सुझाव दिए। इस मौके पर जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है। उन्होंने सभी से भाईचारे के साथ काम करने की अपील करते हुए कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखना सभी का दायित्व है। वर्ग विशेष को टारगेट न करें। बैठक में एसएसपी पीएस मीणा, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, केएमवीएन के जीएम एपी वाजपेई, एसडीएम परितोष वर्मा आदि मौजूद थे।

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