समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल जिला नैनीताल के जिला महामंत्री हर्षवर्द्धन पांडे ने कहा कि हल्द्वानी में अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों को उजाड़ने का काम किया जा रहा है। बार बार गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बीते दिन पीड़ित व्यापारी प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिलाध्यक्ष विपिन गुप्ता के साथ जिलाधिकारी से मिले तो उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में फ्लाईओवर का विरोध करते हुए हर्षवर्द्धन पांडे ने सड़क चौड़ीकरण करने की मांग रखी थी, यह सत्य है लेकिन उसमें यह कहीं नहीं कहा गया कि व्यापारियों को उजाड़कर शहर को संवारा जाय। वास्तव में यदि जिला प्रशासन को हल्द्वानी शहर की चिंता है तो प्रमुख मांग आईएसबीटी है जिस पर कोई चर्चा नहीं। दूसरी जरूरत मल्टीस्टोरी पार्किंग की है उसकी कोई सुध नहीं, जिस हल्द्वानी को नगर पंचायत से महानगर हल्द्वानी बनाने में अहम भूमिका निभाई है आज उन्हीं व्यापारियों को उजाड़ कर रोजी रोटी के लिए भी लाचार कर हल्द्वानी के विकास की बात की जा रही है। पीड़ित व्यापारियों ने सिर्फ इतनी मांग की है कि सड़क को 10 मीटर के मानक तक चौड़ा किया जाय और जिन व्यापारियों की दुकान 10 मीटर में भी नहीं बच रही है उनको अन्यत्र स्थान पर पुनर्वासित कर सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जाय लेकिन जिला प्रशासन सुनने तक को तैयार नहीं है। जाम लगने का कारण बताकर प्रशासन सड़क चौड़ीकरण की बात कर रहा है उसकी मूल वजह शहर के बीचोबीच बस अड्डा और शहर में कोई बड़ी पार्किंग न होना है, लेकिन जिला प्रशासन उस ओर ध्यान न देकर व्यापारियों को उजाड़कर शहर को चमकाने की बात कर रहा है और जिलाधिकारी द्वारा जब शहर का निरीक्षण कर व्यापारियों से 10 मीटर करने का आश्वासन दिया जा रहा था तो वह भी विश्वसनीय तरह से नहीं दिया गया, जिससे पीड़ित व्यापारी भ्रमित होकर जल्द फैसला नहीं कर पाया और उसकी का फायदा उठाकर जिलाधिकारी ने व्यापारियों के निवेदन को ठुकराया है जबकि अब सभी व्यापारी 10 मीटर तक चौड़ीकरण और उससे कम में जिनका प्रतिष्ठान टूट रहा है उनको अन्यत्र स्थापित करने की लिखित सहमति बना चुके है,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जो सरासर न इंसाफी की जा रही है, कोई भी व्यापारी शहर के विकास में बाधक नहीं है लेकिन विकास किसी की रोजीरोटी छीनकर नहीं होना चाहिए। नैनीताल रोड तिकोनिया से लेकर मंगलपडाव तक पौराणिक बाजार है जिसको उजाड़ने के बजाय प्रशासन को नये विकल्पों पर शहर को विकसित किया जाना चाहिए, लेकिन जिला प्रशासन की हठधर्मिता 70 -80 वर्षो से काबिज व्यापारियों को उजाड़ने पर आमाद है। पांडे का मानना है कि शहर से रोडवेज और केमू बस अड्डा स्थानांतरित करने से बाजार क्षेत्र की जाम की समस्या पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी और यदि उसके उपरांत भी जरूरत हो तो शहर को महानगर शैली में विकसित करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए। जिसमें शहर के मुख्य क्षेत्र से प्रशासनिक कार्यालयों को अन्यत्र शिफ्ट करना, मुख्य शहर से बाहर किसी बड़े स्थान को चयनित कर जिलाधिकारी कार्यालय, एसडीएम कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण जिला एवं महानगर कार्यालयों को एक ही स्थान पर बनाकर हल्द्वानी के बाजार क्षेत्र की प्राचीनता को बनाये रखें।