समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड
कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में आयुक्त दीपक रावत ने शनिवार को जनसुनवाई कर अधिकांश समस्याओं का मौके पर समाधान किया। जिनमें से अधिकांश जन शिकायतें, भूमि विवाद, पारिवारिक विवाद व अतिक्रमण, विधवा पेंशन आदि से सम्बन्धित आई। जनसुनवाई में आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों को तलब कर समस्याओं का मौके पर समाधान किया। मंजू देवी निवासी गली नंबर 3 नवाबी रोड, हल्द्वानी ने बताया कि 02 वर्षो पूर्व उनके विधवा पेंशन हेतु आवेदन किया था। लेकिन अभी तक प्रार्थिनी की पेंशन नहीं लग पायी है। जिसकी शिकायत मंजु देवी ने दीपक रावत से की। कुमाऊं आयुक्त के निर्देशों के अनुपालन में जिला प्रोवेशन अधिकारी वर्षा आर्या ने अवगत कराया कि उनके द्वारा मंजू देवी के विधवा पेंशन सम्बन्धित दस्तावेज पूर्ण कर लिए गये हैं और अगले माह से उनके खाते में विधवा पेंशन धनराशि 1500 रूपये आना शुरू हो जायेगी। शिकायतकर्ता सुरजीत कौर ने बताया कि उनकी दुकान ट्रांसपोर्टनगर मानपुर उत्तर भू-खण्ड में है जिस पर जमशेद अनसारी के द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। जिस पर आयुक्त ने चौकी प्रभारी को सम्बन्धित के खिलाफ उचित कार्यवाही करते हुए दुकान को कब्जा मुक्त कराने के निर्देश दिये। चन्द्रा राणा निवासी ग्राम भरतपुर पट्टी पाण्डे गांव भीमताल ने शिकायत की कि उनके द्वारा 12 मुठ्ठी भूमि अतुलेश खन्ना से ग्राम भरतपुर पट्टी में भूमि क्रय की थी। जिस पर लोहे के ऐंगल लगा कर बाउंड्री भी कर दी गई थी लेकिन जब मेरे द्वारा भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है तो दीपक पाण्डे द्वारा उसका विरोध किया जा रहा है और कार्य बाधित किया जा रहा है। जिस पर आयुक्त ने सम्बन्धित क्षेत्रीय पटवारी को मौका मुआयना कर कब्जा दिलाने के निर्देश दिये व सम्बन्धित के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। शिकायतकर्ता पवन कुमार ने बताया कि उनके द्वारा सन् 1996 में मल्ला निग्लाट में 10 नाली 14 मुठ्ठी और 1 नाली 11 मुठ्ठी भूमि क्रय की गई थी जिसकी स्वामी गार्डनर थीं, जिस पर डूंगर सिंह का कब्जा था, जो मुझे सौंप दिया गया था लेकिन सम्बन्धित भूमि पर अन्य व्यक्ति द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जिससे पर पुनः कब्जा दिलाने का अनुरोध किया गया है। जिस पर आयुक्त ने कब्जाधारक को एक माह के भीतर क्रय/बनामा दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। देवकी देवी निवासी कोटाबाग बजूनियाहल्दू ने शिकायत की कि उनके द्वारा योगेश चन्द्र को आधा बीघा जमीन 11 लाख में विक्रय गई थी, जिसमें से उसके द्वारा 1.5 लाख की धनराशि नगद व शेष एक सप्ताह में चैक के माध्यम से दी जानी थी, लेकिन आतिथि तक न तो क्रेता द्वारा शेष धनराशि विक्रेता को दी गई और न ही विक्रेता द्वारा भूमि पर क्रेता को कब्जा दिया जा रहा है, और न ही धनराशि वापस की जा रही है। जिस पर आयुक्त ने क्रेता को शीघ्र शेष धनराशि विक्रेता के बैंक खाते में जमा करने और क्रेता को भूमि पर कब्जा देने के निर्देश दिए।