प्रधानमंत्री पोषण योजनान्तर्गत विद्यालयों में पकने वाले भोजन की जांच में पोषक तत्व तय मानकों से कम पाए जाने को गंभीर मानते हुए अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा मुकुल सती ने नैनीताल, बागेश्वर, पौडी, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार, अल्मोड़ा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कार्य में लापरवाही बरतने पर विद्यालयों के प्रधानाचार्य से स्पष्टीकरण लेने और भविष्य में पुनः त्रुटि मिलने पर कारवाई करने के निर्देश दिए हैं।सती की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि पीएम पोषण के अन्तर्गत विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को दिया जाने वाला भोजन निर्धारित गुणवत्ता एवं पोषकमान (Nutritive Value) के अनुरूप होना चाहिए। पीएम पोषण योजना के मुख्य उद्देश्य राजकीय, राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों व मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करना है। देहरादून, हरिद्वार एवं अल्मोड़ा के विद्यालयों/मदरसों में NABL (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला से जाँच कराई गई है, जिसकी जाँच रिपोर्ट में कतिपय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को दिया जाना वाले भोजन में आवश्यक पोषक मानकों के अनुरूप नहीं पाये गये हैं। निम्न विद्यालय में तैयार चावल, दाल तथा सब्जियों में ऊर्जा (Energy) तथा प्रोटीन (Protein) की मात्रा तय मानकों से कम पाई गई है। जिससे ‘बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करना की पूर्ति नहीं हो रही है। इसको गंभीरता से लेते हुए निदेशक ने इन स्कूलों के प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
नैनीताल, देहरादून समेत सात जिलों के विद्यालयों के भोजन में मिली गड़बड़ी, शिक्षाधिकारियों को दिए निर्देश, प्रधानाचार्यों का लें स्पष्टीकरण
समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड