अल्मोड़ा में रावण व उसके परिवार के पुतलों का‌‌ निकला आकर्षक जुलूस, विवाद होने पर एक‌ पुतले को काला‌ कपड़ा ढककर घुमाया

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 

सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए मशहूर अल्मोड़ा नगर का दशहरा महोत्सव भी खासी पहचान रखता है और इसमें शामिल होने वाले रावण कुल के कलात्मक पुतले देशभर में मशहूर हैं। आज शनिवार को नगर दशहरा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। रावण व उसके परिवार के 17 पुतलों का ढोल नगाड़ों के साथ भव्य जुलूस निकाला गया। जुलूस में शामिल एक से बढ़कर एक पुतले लोगों के लिए कौतूहल बने रहे। हजारों लोगों ने महोत्सव का भव्य नजारा देखा।

दशहरा महोत्सव में संस्कृति की अनूठी छटा देखने को मिली। जुलूस के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कलाकार अख्तर हुसैन रहे। इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे, पूर्व पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी, दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अजीत सिंह कार्की, दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की, मुख्य संयोजक किशन लाल, मुख्य संयोजक मनोज सनवाल व कैलाश गुरुरानी, उपाध्यक्ष अशोक पांडे, दीपक साह, दिनेश गोयल, तारा चंद्र जोशी, पूरन रौतेला, अमरनाथ सिंह नेगी, संजय साह ‘रिक्खू’, दीप जोशी, मनोज जोशी, त्रिलोचन जोशी, रवि गोयल, अमित साह ‘मोनू’, मनोज वर्मा समेत अनेक लोग शामिल रहे।

विभिन्न पुतला बनाने वाली समितियों ने रात दिन कड़ी मेहनत कर रावण, ताड़िका, मेघनाद, खर—दूषण, मारीच, मायान्तक, अतिकाय, ज्वालासुर, कालकासुर, लवणासुर, प्रहस्त, विरत, कुण्ड, त्रिसरा, देवातंक व अक्षय कुमार आदि के आकर्षक पुतले तैयार किए थे। इस बीच डीजे बजाने को लेकर कालकासुर का पुतला बनाकर पहुंचे युवाओं का दशहरा समिति से विवाद हो गया। विरोध में उन्होंने अपने पुतले को काला‌ कपड़ा ढककर जूलूस में शामिल किया। देर रात पुतलों का दहन एसएसजे कैंपस के जंतु विज्ञान विभाग के मैदान में किया गया। यहां भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

 

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