नैनीताल डीएम ने पेयजल संकट से निपटने को भवन निर्माण पर लगाई रोक, वाहनों की धुलाई में पानी खर्च किया तो होगी कार्रवाई

समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 
गर्मियों के सीजन में जल स्रोतों, नदियों, नहरों और तालाबों इत्यादि के जल स्तर में निरन्तर गिरावट आ रही है। जिससे मैदान समेत पहाड़ी इलाकों में पानी की समस्या निरतंर बढ़ती जा रही है। पेयजल की समस्या के निदान हेतु ,पेयजल की जन सामान्य, उपभोक्ता तक पहुंचाने सुनिश्चित कराये जाने के लिए जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को नये जल संयोजनों पर तत्काल प्रभाव से रोक, पूर्व स्वीकृत भवन निर्माण हेतु जल संयोजनों पर भवन निर्माण प्रतिबन्धित करने के निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारी ने बताया कि सर्विस सेन्टरों पर वाहनों की धुलाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और ड्राई वाशिंग (Dry Wash) की अनुमति रहेगी।‌ साथ ही इन प्रयोजन हेतु पानी का उपयोग किये जाने पर दंडात्मक कार्यवाही के साथ जल संयोजन विच्छेदित कर दिया जाए। बताया कि सर्विस कनेक्शन में सीधे टुल्लू पम्प का प्रयोग प्रतिबन्धित रहेगा। ऐसा पाये जाने पर टुल्लू पम्प जब्त कर जल संयोजन काटने की कार्यवाही की जाएगी। पेयजल का उपयोग सिंचाई, धुलाई आदि कार्यों में प्रतिबन्धित रहेगा। इसके अतिरिक्त छत्त की टंकियों से पानी गिरता पाये जाने पर दण्डात्मक कार्यवाही एवं जल संयोजन विच्छेदित कर दिया जाए। निर्देश देते हुए कहा कि मुख्य वितरण पाईप लाईनों में लीकेज परिलक्षित होने की दशा में लीकेजों को तत्काल बन्द करवाया जाये। किसी भी पेयजल लाईन में लीकेज पाया जाता है तो जल संस्थान के सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

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